अयोध्या फैसले पर नहीं होगा कोई पुनर्विचार, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की सभी याचिकाएं

सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद पर अपने फैसले के खिलाफ दायर सभी पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया है। शीर्ष अदालत की पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने बंद कमरे में 18 याचिकाओं पर सुनवाई की और सभी को खारिज कर दिया।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर दायर सभी पुनर्विचार याचिकाएं अदालत ने खारिज कर दी हैं। सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने बंद कमरे में फैसले के खिलाफ दायर सभी 18 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की और सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया। अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ 9 याचिकाएं मामले के पक्षकारों की ओर से, जबकि 9 याचिकाएं अन्य लोगों ने दायर की थीं।

चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और संजीव खन्ना की पीठ ने इन सभी याचिकाओं की मेरिट पर विचार किया और सुनवाई के योग्य नहीं मानते हुए सभी को खारिज कर दिया। इनमें 5 याचिकाएं ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के समर्थन से वरिष्ठ वकील राजीव धवन और जफरयाब जिलानी के नेतृत्व में दायर की गई थीं। इसके अलावा इन याचिकाओं में देश के करीब 40 बुद्धिजीवियों की ओर से वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण द्वारा दायर याचिका भी शामिल है।


खास बात ये है कि इन याचिकाओं में निर्मोही अखाड़े की भी पुनर्विचार याचिका थी, जिसमें अयोध्या फैसले के एक महीने बाद भी राम मंदिर ट्रस्ट में उसकी भूमिका तय नहीं होने का मुद्दा उचाते हुए कोर्ट से आदेश देने की मांग की गई थी। इसके अलावा कोर्ट ने अखिल भारत हिंदू महासभा की भी उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें मस्जिद के लिए मुस्लिम पक्ष को पांच एकड़ जमीन देने पर ‘सीमित पुर्निवचार’ की मांग की गई थी। साथ ही महासभा ने कोर्ट से फैसले में विवादित ढांचे को मस्जिद बताने वाले निष्कर्षों को भी हटाने की मांग की है।

गौरतलब है कि तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में 9 नवंबर को पांच जजों की पीठ ने सर्वसम्मति से पूरी 2.77 एकड़ विवादित भूमि राम लला को यानी राम मंदिर बनाने के लिए देने का फैसला किया था। फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को यूपी सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही अलग से मस्जिद के निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन आवंटित करने का भी आदेश दिया था।

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Published: 12 Dec 2019, 5:05 PM