बाटला हाउस मुठभेड़ः दिल्ली हाईकोर्ट ने आरिज की मौत की सजा को उम्रकैद में बदला

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 19 सितंबर 2008 को जामिया नगर के बाटला हाउस में एक मुठभेड़ को अंजाम दिया था। इस मुठभेड़ के दौरान इंडियन मुजाहिदीन के दो कथित आतंकवादियों और इंसपेक्टर मोहनचंद शर्मा की गोली लगने से मौत हो गई थी।

दिल्ली हाईकोर्ट ने आरिज की मौत की सजा को उम्रकैद में बदला
दिल्ली हाईकोर्ट ने आरिज की मौत की सजा को उम्रकैद में बदला
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नवजीवन डेस्क

दिल्ली के साल 2008 के बाटला हाउस एनकाउंटर केस में आरिज खान की सजा को बरकरार रखते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को निचली अदालत से उसे मिली मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया। 18 अगस्त को अदालत ने मामले में आरिज खान की मौत की सजा की पुष्टि पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसमें जामिया नगर में इंडियन मुजाहिदीन के दो संदिग्ध आतंकवादियों और पुलिस इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की हत्या कर दी गई थी।

हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति अमित शर्मा की पीठ ने आरिज खान को राहत देते हुए उसकी मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया। विस्तृत आदेश की प्रति की प्रतीक्षा है। उच्च न्यायालय को पहले आरिज खान को दी गई मौत की सजा की पुष्टि के लिए एक संदर्भ प्राप्त हुआ था।

दरअसल, साल 2008 में राजधानी दिल्ली में सिलसिलेवार विस्फोटों में 35 से अधिक लोग मारे गए थे और 150 से अधिक घायल हो गए थे। कुछ दिनों बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 19 सितंबर 2008 को जामिया नगर के बाटला हाउस में एक मुठभेड़ को अंजाम दिया था। इस मुठभेड़ के दौरान इंसपेक्टर मोहनचंद शर्मा की गोली लगने से मौत हो गई थी।


आरिज खान को 8 मार्च 2021 को मोहनचंद शर्मा की हत्या समेत अन्य अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया था और 15 मार्च, 2021 को मौत की सजा सुनाई गई थी। जबकि, एक अन्य दोषी शहजाद अहमद को आजीवन कारावास की सजा दी गई थी। ट्रायल कोर्ट ने खान को दोषी ठहराते हुए कहा था कि यह विधिवत साबित हुआ है कि उसने और उसके सहयोगियों ने पुलिस अधिकारी की हत्या की थी। उसे मौत की सजा सुनाई गई और 11 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि शर्मा के परिवार के सदस्यों को 10 लाख रुपये तुरंत जारी किए जाने चाहिए।

अदालत ने आरिज खान को मौत की सजा सुनाते हुए मामले को "दुर्लभ से दुर्लभतम" कहा था, जो मौके से भाग गया था और उसे भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया गया था। उसे 14 फरवरी, 2018 को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने दावा किया कि वह बाटला हाउस में मौजूद था और मुठभेड़ के दौरान पुलिस को चकमा देने में कामयाब रहा था।

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