बिहार विधानसभा में संग्राम! तेजस्वी यादव बोले- सदन में मेरे माता-पिता को गाली दी जा रही थी लेकिन मैंने...

तेजस्वी यादव ने कहा कि कल उपमुख्यमंत्री गाली दे रहा था, आज इनके चेले गाली दे रहे हैं। हम मुद्दे की बात कर रहे थे, सच सुनने की हिम्मत भाजपाई गुंडों में नहीं रह गई है। पहली बार देखा गया कि सत्ता पक्ष के लोग ही सदन में हंगामा कर रहे हैं।"

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा, "लगातार हमारे भाषण को बाधित करने का प्रयास किया जा रहा था। सदन में मेरे माता-पिता को गाली दी जा रही थी लेकिन मैंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। मां बहनों की गाली वो व्यक्ति दे रहा था। मैंने स्पीकर को आपत्ति दर्ज़ कराई है कि वीडियो रिकॉर्डिंग निकाली जाए। कल उपमुख्यमंत्री गाली दे रहा था, आज इनके चेले गाली दे रहे हैं। हम मुद्दे की बात कर रहे थे, सच सुनने की हिम्मत भाजपाई गुंडों में नहीं रह गई है। पहली बार देखा गया कि सत्ता पक्ष के लोग ही सदन में हंगामा कर रहे हैं।"

बिहार विधानसभा में बुधवार को उस समय नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला जब विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) संबंधी बयान के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हस्तक्षेप के बाद तीखी बहस शुरू हो गई।

सदन की कार्यवाही पूर्वाह्न 11 बजे शुरू हुई लेकिन हंगामा बढ़ने पर विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने 30 मिनट बाद ही इसे अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।

तेजस्वी यादव ने कहा, ‘‘हम विशेष गहन पुनरीक्षण के विरोधी नहीं हैं, लेकिन निर्वाचन आयोग जिस तरह से इस प्रक्रिया को लागू कर रहा है, वह आपत्तिजनक है। जब चुनाव नजदीक हैं तो इतनी देर क्यों? वे इसे कुछ महीने पहले भी कर सकते थे।’’


पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राज्य में केवल दो-तीन प्रतिशत मतदाताओं के पास ही वे दस्तावेज हो सकते हैं जिन्हें निर्वाचन आयोग दिखाने के लिए कह रहा है। फर्जी मतदाताओं का डर आखिर है क्या? क्या निर्वाचन आयोग यह कहना चाहता है कि इन फर्जी मतदाताओं ने नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री और नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया है? निर्वाचन आयोग ने उच्चतम न्यायालय में दाखिल अपने हलफनामे में भी कहीं यह नहीं कहा कि मतदाता सूची में कोई विदेशी नागरिक शामिल है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राज्य के लगभग 4.5 करोड़ ऐसे लोग का क्या होगा जो कहीं और काम करते हैं और चुनाव के समय वोट डालने के लिए आते हैं? निर्वाचन आयोग ने उन लोगों के नाम काटने की चेतावनी दी है जो अपने पंजीकृत पते पर नहीं पाए गए।’’

दूसरी ओर बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के चुनाव बहिष्कार के बयान को विपक्षी दलों का समर्थन मिला है। विपक्ष ने तेजस्वी के बयान का हवाला देकर चुनाव आयोग और सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। दूसरी ओर, सत्तापक्ष ने विपक्ष पर चर्चा से बचने का आरोप लगाया है।

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