बिहार के SIR मुद्दे पर संसद में संग्राम, चर्चा पर अड़ा विपक्ष, नारेबाजी के बीच कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित
विपक्षी दलों के सदस्यों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर बुधवार को भी संसद में हंगामा किया, जिसके कारण दो बार के स्थगन के बाद कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।

संसद में विपक्षी दलों के सदस्यों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर बुधवार को भी सदन में हंगामा किया, जिसके कारण दो बार के स्थगन के बाद कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे पुन: शुरू होने पर विपक्षी सदस्यों ने शोर-शराबा जारी रखा। कई विपक्षी सदस्य अपने-अपने स्थान पर खड़े होकर तख्तियां लहरा रहे थे और कुछ सदस्य आसन के समीप आ गए।
हंगामे के बीच, पीठासीन सभापति कृष्णा प्रसाद तेन्नेटी ने विपक्षी सदस्यों से अपनी सीटों पर जाकर बैठने का आग्रह करते हुए कहा कि सदन में आज गोवा के आदिवासी समुदाय से संबंधित महत्वपूर्ण विधेयक पर चर्चा होनी है। लोकसभा की आज की कार्यसूची में ‘गोवा राज्य विधानसभा के निर्वाचन क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का समायोजन विधेयक, 2024’ सूचीबद्ध था। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दो दिन में हमने बेशकीमती समय गंवाया है। विधेयक पर चर्चा होने दें। आप इस तरह तख्तियां नहीं लहरा सकते।’’
उन्होंने कहा कि बार-बार के अनुरोध के बावजूद ऐसा लगता है कि आप (विपक्षी सदस्य) गोवा के एसटी (अनुसूचित जनजाति) समुदाय पर कोई चर्चा नहीं चाहते, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके साथ ही, उन्होंने सदन की कार्यवाही बृहस्पतिवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले, मानसून सत्र के तीसरे दिन पूर्वाह्न 11 बजे निचले सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही विपक्षी दलों के सदस्य हंगामा करने लगे। विपक्षी सांसदों ने आसन के निकट पहुंचकर नारेबाजी की और तख्तियां लहराईं, जिन पर एसआईआर विरोधी नारे लिखे हुए थे।
उन्होंने बिहार में एसआईआर की कवायद, पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर को रोकने और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता संबंधी दावों समेत कुछ विषयों पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा किया। सदन में शोर-शराबे के बीच ही रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रश्नकाल के दौरान कुछ पूरक प्रश्नों के उत्तर दिए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों ने अपने स्थान पर जाने और सदन चलने देने की अपील की। उन्होंने विपक्षी सदस्यों से कहा, ‘‘संसद और संसद परिसर के अंदर आपका व्यवहार, आचरण और कार्यपद्धति मर्यादित होने चाहिए। देश की जनता ने आप लोगों को अपनी आवाज, जनता की कठिनाई, चुनौतियों, देश से जुड़ें मुद्दों और नीतियों पर चर्चा के लिए भेजा है।’’
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने हंगामा कर रहे सदस्यों को कड़े शब्दों में चेतावनी दी थी कि सदन में तख्तियां लेकर आने वाले सांसदों पर उन्हें निर्णायक कार्रवाई करनी पड़ेगी। हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने करीब 11 बजकर 10 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दोपहर 12 बजे सदन की बैठक पुन: शुरू हुई तो पीठासीन सभापति संध्या राय ने आवश्यक कागजात सदन में प्रस्तुत कराए। इस बीच विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे।
पीठासीन सभापति संध्या राय ने नारेबाजी कर रहे सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और सदन की कार्यवाही चलने देने का आग्रह करते हुए कहा, ‘‘ आप सभी बहुत वरिष्ठ सदस्य हैं। सदन की गरिमा, मर्यादा को समझते हैं और विपक्ष की भूमिका जानते हैं।’’ उन्होंने प्रश्नकाल में हुए व्यवधान का उल्लेख करते हुए कहा कि आज लगातार तीसरे दिन शोर-शराबे के कारण रेलवे जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रश्न नहीं पूछे जा सके। राय ने कहा, ‘‘पूरा देश आपको देख रहा है। सरकार आपके उठाए गए विषयों पर चर्चा चाहती है। आपका आचरण सदन की गरिमा के अनुरूप नहीं है।’’
हंगामे के बीच ही खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक, 2025 और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संशोधन विधेयक 2025 सदन में पेश किए। शोर-शराबा समाप्त नहीं होने पर पीठासीन सभापति ने बैठक दो बजे तक स्थगित कर दी थी।
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