यूपी में लोकसभा चुनावों से पहले सड़क से लेकर सदन तक दिखेगा विपक्ष का दम! एसपी ने की योगी सरकार को घेरने की तैयारी

समाजवादी पार्टी का सदस्यता अभियान समाप्त होने के कगार पर है। सितम्बर महीने के अंतिम सप्ताह में पार्टी का प्रदेश सम्मेलन प्रस्तावित है। पार्टी नेताओं का कहना है कि ऐसे में एसपी मुखिया संगठन को मजबूत करने के लिए कुछ बड़े निर्णय ले सकते हैं।

फोटोः IANS
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राजकुमार उपाध्याय

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 6 महीने पूरे होने वाले हैं, उधर समाजवादी पार्टी का जनता से जुड़े मुददों को लेकर सड़क से सदन तक विरोध प्रदर्शन शुरू गया है। सत्ताधारी दल बीजेपी आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर अभी से गोटियां बिछा रही है। उसके पहले समाजवादी पार्टी के विधायकों का धरना प्रदर्शन यह समझने के लिए पर्याप्त है कि अब यूपी में चुनावों के पहले सड़क से लेकर सदन तक विपक्ष का दम दिखेगा।

पार्टी समर्थकों का कहना है कि वैसे भी विपक्षी दल के तौर पर एसपी अपने आक्रामक अंदाज के लिए जानी जाती है। 2022 विधानसभा चुनाव के समय कोरोना संक्रमण की वजह से विपक्षी दल के तौर पर पार्टी का सड़क पर दम नहीं दिखा। पर अब कोरोना संक्रमण का आततायी काल गुजर चुका है। योगी सरकार के 6 महीने भी पूरे हो रहे हैं। लोकसभा चुनाव भी आने वाले हैं। अखिलेश ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार से भी हाथ मिलाया है। यह सब सिर्फ संयोग नहीं है। चुनावों के पहले राज्य का सियासी पारा तेजी से बदल रहा है। पार्टी की जनता के मुददों को लेकर सड़क से सदन तक बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की तैयारी है।


राज्य में सम्मेलन इसी महीने के अंत तक

समाजवादी पार्टी का सदस्यता अभियान समाप्त होने के कगार पर है। सितम्बर महीने के अंतिम सप्ताह में पार्टी का प्रदेश सम्मेलन प्रस्तावित है। पार्टी नेताओं का कहना है कि ऐसे में एसपी मुखिया संगठन को मजबूत करने के लिए कुछ बड़े निर्णय ले सकते हैं। पार्टी में सगठन स्तर पर बड़े बदलाव की तैयारी है।

हंगामेदार होगा विधानसभा सत्र

आगामी विधानसभा सत्र भी हंगामेदार होने के आसार हैं। बुधवार के धरना प्रदर्शन के बाद एसपी ने यह ऐलान भी किया है कि 19 सितम्बर को अखिलेश यादव की अगुवाई में पार्टी विधायक विधानभवन तक पैदल मार्च करेंगे। सदन में महंगाई, बेरोजेगारी, किसानों और कर्मचारियों के मुददे पर एसपी सरकार को घेरेगी।


मुख्यधारा में मनोज पांडेय के दिखने के क्या हैं संकेत?

समाजवादी पार्टी के धरना प्रदर्शन की अगुवाई मुख्य सचेतक मनोज पांडेय ने की। इसके बाद ही सियासी गलियारों में यह सुगबुगाहट शुरू हो गई है कि पांडेय के रूप में ब्राहमण चेहरे को पार्टी सियासत की मुख्य धारा में आगे लेकर आई सियासी रणनीतिकारों का कहना है कि यह तभी साफ हो गया था, जब युवा विधायक पांडेय को विधानसभा में मुख्य सचेतक बनाया गया था। अखिलेश यादव ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय समेत अन्य ब्राहमण चेहरे की जगह युवा ब्राहमण चेहरे को तरजीह दी है।

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