बंगाल शिक्षा भर्ती घोटाला: कैबिनेट मंत्री पार्थ चटर्जी गिरफ्तार, करीबी के घर से बरामद हुई थी 20 करोड़ की नगदी
पार्थ चटर्जी के घर पर शुक्रवार से रेड चल रही थी। बताया जा रहा है कि सुबह पार्थ चटर्जी ने स्वास्थ्य खराब होने का हवाला दिया। इसके बाद दो डॉक्टरों की टीम मौके पर पहुंची थी।
पश्चिम बंगाल में शिक्षा भर्ती घोटाला मामले में राज्य के कैबिनेट मंत्री पार्थ चटर्जी को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि चटर्जी को गिरफ्तार करने के बाद मेडिकल चेकअप के लिए ले जाया गया है। उन्हें कोलकाता में सीडीओ कॉम्प्लेक्स ले जाया जाएगा। पार्थ चटर्जी के घर पर शुक्रवार से रेड चल रही थी। बताया जा रहा है कि सुबह पार्थ चटर्जी ने स्वास्थ्य खराब होने का हवाला दिया। इसके बाद दो डॉक्टरों की टीम मौके पर पहुंची थी।
पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता चटर्जी के घर से 20 करोड़ रुपये की नगदी बरामद
पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीपीई) में भर्ती अनियमितताओं की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने पार्थ चटर्जी की करीबी मानी जाने वाली अर्पिता मुखर्जी के आवास से 20 करोड़ रुपये की नगदी जब्त की है। ईडी ने टॉलीगंज में डायमंड सिटी परिसर में मुखर्जी के आलीशान आवास से 20 मोबाइल फोन भी बरामद किए हैं। अधिकारियों का मानना है कि यह मोबाइल फोन डब्ल्यूबीएसएससी और डब्ल्यूबीबीपीई में शिक्षक भर्ती घोटाले के लिए महत्वपूर्ण लिंक प्रदान करेंगे।
ईडी ने मीडिया के एक वर्ग को एक बयान भी जारी किया, जिसमें दावा किया गया है कि वह शिक्षा भर्ती घोटाले के संबंध में विभिन्न स्थानों पर तलाशी अभियान चला रहा है, जिसके दौरान भारी संख्या में नकदी जब्त की गई। ईडी के अधिकारियों ने कुछ बैंक अधिकारियों को मतगणना के उद्देश्य से बुलाया, जो मुद्रा गिनने की मशीनों के साथ मुखर्जी के आवास पर पहुंचे।
कौन हैं पार्थ चटर्जी?
पार्थ चटर्जी दक्षिण कोलकाता विधानसभा सीट से साल 2001 में पहली बार विधायक चुने गए थे। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। पार्थ चटर्जी साल 2001 के बाद 2006, 2011, 2016 और 2021 में भी पश्चिम बंगाल विधानसभा के लिए चुने गए। पार्थ चटर्जी टीएमसी के उन खास नेताओं में से एक हैं, जिन पर मुख्यमंत्री और टीएमसी की प्रमुख ममता बनर्जी काफी भरोसा करती हैं।
बंगाल में टीएमसी के सत्ता में आने से पहले पार्थ चटर्जी विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे हैं। पार्थ चटर्जी विधायक के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान साल 2006 से 2011 तक विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे। ममता बनर्जी की सरकार में पार्थ चटर्जी को वाणिज्य और उद्योग, सार्वजनिक उद्यम, सूचना प्रौद्योगिकी के साथ संसदीय मामले विभाग का मंत्री बनाया गया था।
साल 2016 का विधानसभा चुनाव जीतकर जब तृणमूल कांग्रेस ने लगातार दूसरी बार सरकार बनाई, तब पार्थ चटर्जी को भी मंत्री बनाया गया। पार्थ चटर्जी को उच्च शिक्षा और स्कूल शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी मिली। पार्थ चटर्जी के शिक्षा मंत्री रहते ही पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन के जरिए भर्ती हुई थी, जिसमें अनियमितता के आरोप की जांच केंद्रीय एजेंसियां कर रही हैं।
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Published: 23 Jul 2022, 10:31 AM