बंगाल NIA हमला मामला: अधिकारियों पर छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए जवाबी FIR
पुलिस ने बताया कि एनआईए द्वारा शनिवार को गिरफ्तार किए गए दो लोगों में से एक मोनोब्रत जाना के परिवार के सदस्यों द्वारा भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के तहत एफआईआर कराई गई है। आईपीसी की धारा 354 (महिलाओं की लज्जा भंग करने की सजा) एक गैर-जमानती अपराध है।
![बंगाल में NIA अधिकारियों पर छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए जवाबी FIR](https://media.assettype.com/navjivanindia%2F2024-04%2F83a66bfd-a614-4175-9cbc-66ae3234e148%2FBengal_attack_on_nia.jpg?rect=0%2C0%2C972%2C547&auto=format%2Ccompress&fmt=webp)
पश्चिम बंगाल के पूर्वी मिदनापुर जिले के भूपतिनगर में छापेमारी करने पहुंची एनआईए टीम पर हमले के बाद गिरफ्तार किए गए दो लोगों में से एक के परिवार ने केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों पर छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए जवाबी प्राथमिकी दर्ज कराई है। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। गिरफ्तार दोनों आरोपी तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेता हैं। इन्हें पिछले साल 22 दिसंबर को हुए विस्फोट के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है, जिसमें तीन लोग मारे गए थे।
कोंटाई के उप-विभागीय पुलिस अधिकारी दिबाकर दास ने एफआईआर की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि शनिवार रात गिरफ्तार किए गए दो तृणमूल कांग्रेस नेताओं में से एक के परिवार के सदस्यों ने एनआईए अधिकारियों के खिलाफ स्थानीय पुलिस स्टेशन में महिलाओं से छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए एक जवाबी प्राथमिकी दर्ज कराई है।
दास ने बताया कि एनआईए द्वारा शनिवार को गिरफ्तार किए गए दो लोगों में से एक मोनोब्रत जाना के परिवार के सदस्यों द्वारा भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के तहत एफआईआर कराई गई है। आईपीसी की धारा 354 (महिलाओं की लज्जा भंग करने की सजा) एक गैर-जमानती अपराध है।
अब भूपतिनगर पुलिस स्टेशन की पुलिस ने दो समानांतर जांच शुरू की है। पहली एनआईए द्वारा उनके अधिकारियों पर हमले की घटना में दर्ज की गई शिकायत पर आधारित है और दूसरी कथित छेड़छाड़ की शिकायत के आधार पर केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों के खिलाफ है।
दिलचस्प बात यह है कि एनआईए द्वारा अपने अधिकारियों पर हुए हमले के संबंध में स्थानीय पुलिस थाने में एफआईआर किए हुए लगभग 24 घंटे बीत चुके हैं, लेकिन स्थानीय पुलिस एक भी व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। शनिवार दोपहर खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद एनआईए के खिलाफ जवाबी एफआईआर दर्ज की गई। उन्होंने एनआईए अधिकारियों पर भूपतिनगर में स्थानीय महिलाओं को परेशान करने का आरोप लगाया था।
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