भारत बंद से ठहर गया पूरा हरियाणा, किसानों ने कहा- यह फसलों का नहीं, नस्लों को बचाने का आंदोलन
आज के भारत बंद का हरियाणा में खासा असर देखने को मिला। होली से महज दो दिन पहले बाजारों में पसरा सन्नाटा इस बात की तस्दीक कर रहा था। किसान सुबह ही मुख्य सड़कों और रेल पटरियों पर बैठ गए। वकील, छात्र समेत समाज के तमाम वर्ग किसानों के समर्थन में खड़े नजर आए।
विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के आज के भारत बंद ने उन लोगों को जवाब दे दिया, जो यह कह रहे थे कि किसान आंदोलन अब दम तोड़ रहा है। जी हां, शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर पूरा हरियाणा मानो ठहर गया। बड़ी तादाद में बाजार बंद रहे, जिससे सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। बसें नहीं चल पाईं। रेल यातायात भी बुरी तरह प्रभावित हुआ। दूध और सब्जियों की सप्लाई भी प्रभावित हुई। किसान लोगों से निवेदन करते नजर आए कि यह फसलों का नहीं बल्कि नस्लों को बचाने का आंदोलन है।
आज के भारत बंद का हरियाणा और पंजाब में खासा असर देखने को मिला। होली से महज दो दिन पहले बाजारों में पसरा सन्नाटा इस बात की तस्दीक कर रहा था। चंडीगढ़ तक के बाजारों में यही हालात रहे। किसान सुबह से ही मुख्य सड़कों और रेल पटरियों पर बैठ गए। हालांकि, सेना के वाहनों और एंबुलेंस को नहीं रोका गया। कई इलाकों में दूध और सब्जियों की सप्लाई प्रभावित हुई। उत्तर हरियाणा से दक्षिण हरियाणा तक कमोबेश यही हालात थे। वकील और छात्र समेत समाज के तमाम वर्ग किसानों के समर्थन में खड़े नजर आए।
पूरे प्रदेश में हाईवे पर यातायात को रोका गया। पंचकूला के पिंजौर के पास कालका-शिमला हाईवे पर टोल प्लाजा पर सुबह से ही किसान जमा हो गए। हाईवे पर दोनों तरफ वाहनों की कतारें लगी रहीं, लेकिन परेशान होने के बावजूद लोग स्वेच्छा से किसानों के बंद के साथ खड़े नजर आए। यही हालात लगभग सब जगह रहे।
अंबाला के शाहपुर के पास किसान रेल ट्रैक पर बैठ गए। कई अन्य जगह भी किसानों ने रेल ट्रैक को बाधित किया। रोहतक, पंचकूला, पानीपत और अंबाला समेत अन्य शहरों से सुबह से ही बसें नहीं चलीं। हिसार में नारनौंद समेत कई जगह किसानों ने सड़कों को जाम किया। सिरसा में बस स्टैंड के बाहर जाम लगाया। पानीपत के एल एंड टी और डाहर टोल प्लाजा पर हाईवे जाम किया।
हाईवे के साथ करनाल में रेल मार्ग बंद होने के कारण सुबह पहुंचीं दो एक्सप्रेस ट्रेनों को पानीपत रेलवे स्टेशन पर रोक लिया गया। झेलम एक्सप्रेस, पश्चिम अप और डाउन, सचखंड, बठिंडा, जनशताब्दी और मालवा एक्सप्रेस जहां-तहां खड़ी रहीं। दिल्ली- चंडीगढ़ शताब्दी पर भी असर पड़ा। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश को रवाना की गईं बसें जाम के चलते वापस बुलानी पड़ीं। अंबाला-दिल्ली हाईवे बुरी तरह प्रभावित रहा। चंडीगढ़-अंबाला हाईवे पर भी जाम के चलते वाहन नहीं चल पाए।
हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि किसान संगठनों के आह्वान पर आज भारत बंद ऐतिहासिक रहा। इसमें हरियाणा के साथ-साथ पूरे देश की अनाज मंडियां हड़ताल पर रहीं। यहां तक की पूरे देश में ट्रांसपोर्ट का चक्का जाम रहा। ट्रांसपोर्ट और अनाज मंडियों में करोड़ों-अरबों रुपए का व्यापार प्रभावित रहा।
बजरंग गर्ग का कहना है कि 4 महीने से लाखों किसान अपना घर छोड़कर दिल्ली बॉर्डर पर बैठे हैं। सैकड़ों किसान अपनी जान दे चुके, मगर सरकार किसानों की समस्या हल करने के बजाए उन्हें आतंकवादी, टुकड़े-टुकड़े गैंग और खालिस्तानी कह कर आंदोलन को भटकाने का काम कर रही है।
बजरंग गर्ग ने कहा कि इन कृषि कानूनों से देश और प्रदेश में जमाखोरी बढ़ेगी और प्राइवेट मंडियां बनने से सरकारी मंडियां खत्म हो जाएंगी। केंद्र सरकार को अपना तानाशाही रवैया छोड़कर देश के किसान, आढ़ती, मजदूरों और आम जनता के हित में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए। सरकार को किसान और आढ़ती संगठनों से बातचीत करके देश की जनता के हित में चौथा कानून लागू करना चाहिए, ताकि किसान, आढ़ती और मजदूरों को राहत मिल सके।
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Published: 26 Mar 2021, 11:24 PM