भारत जोड़ो यात्रा: राहुल गांधी से किसानों ने की बात, कहा- टूट रहा हमारा मनोबल, खाद तक के लिए लड़नी पड़ती है लड़ाई

हरियाणा में भारत यात्रा के दौरान राहुल गांधी से किसान नेताओं ने मुलाकात की। इस दौरान किसानों ने अपनी परेशानियों के बारे में राहुल गांधी को बताया।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

कन्याकुमारी से शुरू हुई कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा ने आज हिमाचल प्रदेश में प्रवेश कर लिया है। ये यात्रा अपने अंतिम पड़ाव पर है। कल ये पदयात्रा पंजाब से श्रीनगर का रुख करेगी, जहां पहुंचकर ये यात्रा खत्म हो जाएगी। इस यात्रा के दौरान हमने अलग अलग तरह की तस्वीरें देखीं, लोगो में उत्साह देखा। बच्चे, बड़े, बूढ़े सब इस यात्रा का हिस्सा बने। यही नहीं अलग अलग पेशे के लोग भी भारत यात्री बन इस यात्रा में शामिल हुए। फिर चाहे बॉलीवुड हो, खिलाड़ी हो, बड़े बड़े पूर्व अधिकारी हों, या फिर देश का अन्नदाता ही क्यों ना हो.. हर किसी ने इस यात्रा को सफल बनाने की पूर जोर कोशिश की।

लोगों ने इस यात्रा का नेतृत्व कर रहे राहुल गांधी से तमाम तरह की बातें शेयर की। किसानों की बात करें तो किसानों ने भी खेती से जुड़े मुद्दों को लेकर, सरकार से किस तरह का साथ मिल रहा है इसे लेकर खुलकर अपना दर्द साझा किया। इसी कड़ी में हरियाणा पहुंची इस यात्रा के दौरान भी किसानों ने राहुल गांधी के साथ कई अहम बातें साझा की। राहुल गांधी के सामने किसानों ने अलग अलग मुद्दों को लेकर बात रखी। इनमें खाद, एमएसपी, पुराने ट्रैक्टरों को खत्म करने की बात, जमीन अधिग्रहण जैसे मुद्दे शामिल थे।

जमीन अधिग्रहण

एक किसान ने कहा कि हरियाणा जिस तरह से 10 साल से त्रासदी झेल रहा है, जिस तरह का राजनीतिक माहौल बना है उससे मुक्ती का रास्ता हम कांग्रेस की तरफ देखते हैं। यहां बहुत ही बुरी स्थिति है आम किसानों और मजदूरों की। किसान ने कहा जिस तरह कांग्रेस की सरकार ने जातीय और वर्ग से उठकर काम किया है, वो मिसाल थी। जमीन अधिग्रहण में जो कुछ भी हुआ वो कांग्रेस की देन है लेकिन बीजेपी ने उसका सत्यनाश कर दिया। उसका मॉडल एक्ट बना के राज्यों को पावर दे दी। अब राज्य जैसा चाह रही है उसमें तमाशा कर रही है। किसानों ने मांग की है कि जैसे ही कांग्रेस की सरकार आए तो हमारी अपील है उसे जैसा था वैसा ही करें।

MSP

किसान ने कहा कि एमएसपी हमारी मुख्य मांग है, लेकिन अब हमारा मनोबल पूरा टूट चुका है। किसान ने कहा कि जो MSP सरकार दे रही है उससे हम सहमत नहीं हैं, हम CACP के फॉर्मूला से सहमत नहीं है। हमारी हालात बेहद ही खराब हो चुकी है इसलिए अब मांग है जो CACP है उसकी तो कम से कम गारंटी सरकार दे।

सेब व्यापारियों को सरकार ने पहुंचा करोड़ों का नुकसान

किसान नेता राकेश टिकैत ने इस दौरान कहा कि हिमाचल में अडानी का कारोबार है, खास कर सेब का। वहां अडानी के सीमेंट प्लांट भी है दो कांग्रेस की सरकार ने सत्ता में आते ही बंद कर दिए। सेब का मुद्दा कश्मीर में भी है। सरकार ने उनका दो हजार करोड़ रुपये का नुकसान किया है। उनके ट्रकों को वहां 18 दिनों तक रोका गया। इसके पीछे का कारण ये है कि अडानी का सेब यहां बिकना था। राकेश टिकैत ने बताया कि मैं तीन दिन वहां पर रहा। उन्होंने कहा कि वहां का किसान अगर मर गया तो हमें हिंदुस्तान में सेब 400-500 रुपये किलो मिलेगा।

स्क्रैप पॉलिसी

वहीं एक किसान ने कहा कि हरियाणा की सरकार स्क्रैप पॉलिसी लेकर आई है। 10 साल पुराने डीजल वाहन, 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन को स्क्रैप बना दिया जाएगा। ये गलत पॉलिसी है। क्योंकि हमारे यहां 30 से 35 साल पुराने ट्रैक्टर भी खेत में काम करते हैं।

खाद का मुद्दा

हमारे यहां हर साल खाद की कमी हो जाती है। बूढ़े बच्चे वहां जाकर लाइन में लगते हैं। वहां खाद के कट्टे के लिए झगड़े तक होते हैं।

गन्ने के मूल्यों में वृद्धि का मुद्दा

एक किसान ने कहा कि जब कांग्रेस की सरकार थी और भूपेंद्र हुड्डा सीएम थे उस दौरान गन्ने का मूल्य 193 रुपये बढ़ाया गया, यानी हर साल 19 रुपये। लेकिन खट्टर सरकार जो किसानों की आय दोगुनी करने का वादा करती थी उन्होंने सिर्फ 52 प्रतिशत बढ़ाया यानी 8 रुपये हर साल।


किसानों के साथ पार्टनरशिप करना चाहता हूं- राहुल गांधी

वहीं किसानों की बात सुनने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि देखिए मैं इसको एक पार्टनरशिप मानता हूं। हमारे औऱ आपके बीच में एक साथ काम करने की बहुत जगह है। हम दोनों का जो रास्ता है वो एक ही है। कभी आपकी कुछ मजबूरियां होती हैं कभी हमारी होती हैं, वो अलग बात है, लेकिन मैं इसे पार्टनरशिप जैसा देखता हूं।

राहुल गांधी ने कहा जहां भी आपको लगे कि हमारी सरकारों में कमी है। आप सीधे मुझे बता दीजिए। मैं कोशिश करूंगा उस कमियों को ठीक करों। मेरा लक्ष्य है कि आज से 10 साल बाद किसान का बेटा कहे मैं खेती करता हूं। आज की हकीकत ये है कि जो ढांचा है वो दो लोगों को दे दी गई है, जो हिंदुस्तान के किसानों और मजदूरों को निचोड़ रहे हैं। इनकी सोच है कि किसानों से जो छीन सकते हो छीन लोग फिर चाहे जमीन हो, प्रोफिट हो। मैं इसके खिलाफ हूं।

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