झीरम घाटी हमले की बरसी पर भूपेश बघेल ने BJP और केंद्र पर बोला हमला, पूछा- FIR से क्यों हटा गणपति-रमन्ना का नाम

भूपेश बघेल ने पूछा कि बीजेपी बताए कि रमन्ना और गणपति का नाम एनआईए द्वारा क्यों हटाया गया? आप उन्हें क्यों बचाना चाहते हैं? क्या उद्देश्य है? आयोग की रिपोर्ट सीधे राजभवन को क्यों दी गई? धरम लाल कौशिक स्टे लेने क्यों पहुंच गए?

झीरम घाटी हमले की बरसी पर भूपेश बघेल ने बीजेपीऔर केंद्र पर हमला बोलते हुए पूछा कि गणपति-रमन्ना का नाम एफआईआर से क्यों हटा
झीरम घाटी हमले की बरसी पर भूपेश बघेल ने बीजेपीऔर केंद्र पर हमला बोलते हुए पूछा कि गणपति-रमन्ना का नाम एफआईआर से क्यों हटा
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नवजीवन डेस्क

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले की झीरम घाटी में हुए नक्सली हमले की आज 10वीं बरसी के मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीजेपी और केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला और पूछा कि रमन्ना और गणपति का नाम एफआईआर में से कैसे हटाया गया। उन्होंने कहा कि केंद्र में जब कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार आएगी तब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

बीजेपी द्वारा लगातार भूपेश बघेल के उस दावे पर सवाल उठाए जा रहे है जिसमें बघेल ने कहा था कि झीरम घाटी हमले के सबूत उनकी जेब में हैं। बीजेपी के सवालों का जवाब देते हुए भूपेश बघेल ने कहा कि वर्ष 2014 अगस्त तक एफआईआर में रमन्ना और गणपति का उल्लेख था।सितंबर 2014 में एनआईए द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट से रमन्ना और गणपति का नाम क्यों अलग हुआ?


भूपेश बघेल ने पूछा, बीजेपी बताए कि रमन्ना और गणपति का नाम एनआईए द्वारा क्यों हटाया गया? आप उन्हें क्यों बचाना चाहते हैं? क्या उद्देश्य है? आयोग की रिपोर्ट सीधे राजभवन को क्यों दी गई? धरम लाल कौशिक स्टे लेने क्यों पहुंच गए? बघेल ने कहा कि जिस दिन हमारी सरकार केंद्र में आएगी, उस दिन दूध का दूध और पानी का पानी होगा। षड्यंत्रकारी अपने उचित स्थान पर होंगे।

भूपेश बघेल ने कहा कि यह सवाल अब भी जिंदा हैं कि, नान घोटाले की जांच पर स्टे लेने कौन गया- धरम लाल कौशिक, आयोग के गठन पर स्टे लेने कौन गया- धरम लाल कौशिक। उन्होंने कहा कि एफआईआर पर एनआईए भी बार-बार स्टे ले लेती है। बीजेपी को जवाब देना होगा कि गणपति-रमन्ना का नाम एफआईआर से क्यों हटाया गया?


झीरम घाटी सुकमा जिले में आती है, यहां से 25 मई 2013 को कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा गुजर रही थी। इस यात्रा पर घात लगाए बैठे सैकड़ों नक्सलियों ने हमला बोल दिया था। इस हमले में कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, उनके बेटे दिनेश पटेल के अलावा बस्तर के टाइगर के नाम से पहचाने जाने वाले महेंद्र कर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल के अलावा अन्य कांग्रेस नेताओं सहित सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई थी। इस हमले में कुल 30 लोग मारे गए थे। हमले में राज्य कांग्रेस के नेताओं की एक पूरी कतार खत्म हो गई थी।

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