भूपेश बघेल ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, OBC को अलग कोड देकर जनगणना कराने का किया अनुरोध
बघेल ने लिखा कि समाज की बड़ी आबादी को उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित रखने से उनके मन में रोष व्याप्त होना स्वाभाविक है। राज्य सरकार के सभी प्रयासों के बाद भी अन्य पिछड़ा वर्गों के लोगों को 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ न मिल पाना समझ से परे है।
![भूपेश बघेल ने पीएम मोदी से OBC को अलग कोड देकर जनगणना कराने का अनुरोध किया है](https://media.assettype.com/navjivanindia%2F2023-08%2F35edafa5-d7b1-4516-bedf-b0064e835cd9%2FBhupesh_Baghel.jpg?rect=0%2C0%2C892%2C502&auto=format%2Ccompress&fmt=webp)
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए अलग से कोड निर्धारित करते हुए राष्ट्रीय जनगणना करवाने का अनुरोध किया है। उन्होंने स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए एनएमडीसी का मुख्यालय हैदराबाद से जगदलपुर स्थानांतरित करने का भी आग्रह किया है। बघेल ने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्गों के आरक्षण जैसे महत्वपूर्ण और संवेदनशील विषय पर और विलंब न करते हुए आवश्यक पहल कर शीघ्र-अतिशीघ्र सकारात्मक निर्णय लेने का कष्ट करें।
भूपेश बघेल ने पत्र में लिखा कि मेरे द्वारा अप्रैल 2023 में छत्तीसगढ़ राज्य के अन्य पिछड़ा वर्गों के व्यक्तियों को 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिए जाने और इस विषय को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने का आपसे अनुरोध किया गया था। बघेल ने लिखा कि आप सहमत होंगे कि सदियों से सामाजिक-राजनीतिक अधिकारों से वंचित बड़ी आबादी को संविधान प्रदत्त समानता और सामाजिक न्याय की भावना के अनुरूप आरक्षण का लाभ दिया जाना आवश्यक है।
बघेल ने पत्र में आगे लिखा कि राज्य विधानसभा द्वारा दिसंबर 2022 में सर्वसम्मति से पारित विधेयक में राज्य में अनुसूचित जनजातियों, अनुसूचित जातियों, अन्य पिछड़ा वर्गों तथा ईडब्ल्यूएस के लोगों के लिए क्रमशः 32, 13, 27 एवं 4 प्रतिशत आरक्षण लागू करने संबंधी विधेयक पारित किया गया था। दुर्भाग्य से विधेयक अभी तक राजभवन में अनुमोदन हेतु लंबित है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लिखा है कि समाज की बड़ी आबादी को उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित रखने से उनके मन में रोष व्याप्त होना स्वाभाविक है। राज्य सरकार के सभी प्रयासों के बाद भी अन्य पिछड़ा वर्गों के लोगों को 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ न मिल पाना समझ से परे है।
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