यूपी के फर्जी टीचर केस में बड़ा खुलासा, 3 लाख रुपये में अनामिका शुक्ला के नाम पर मिलती थी नौकरी

अनामिका शुक्ला फर्जी टीचर केस में पता चला है कि उत्तर प्रदेश में 3-3 लाख रुपये की घूस लेकर फर्जी तरीके से लड़कियों की नौकरी लगाई जा रही थी।सारे खेल का खुलासा अलीगढ़ में कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में नौकरी कर रही बबिता यादव की गिरफ्तारी से हुआ है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

उत्तर प्रदेश में अनामिका शुक्ला फर्जी टीचर केस में बड़ा खुलासा हुआ है। चौंकाने वाले इस खुलासे से पता चला है कि प्रदेश में तीन-तीन लाख रुपये की घूस लेकर फर्जी अनामिका शुक्ला के नाम पर लड़कियों की नौकरी लगाई जा रही थी। अब तक ऐसी कई लड़कियों का पता चल चुका है, जो अनामिका शुक्ला के फर्जी नाम पर नौकरी कर रही हैं।

इस पूरे खेल का खुलासा अलीगढ़ के बिजौली ब्लॉक के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में अनामिका शुक्ला के नाम से नौकरी कर रही बबिता यादव उर्फ बबली की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ और जांच में हुआ है। बबिता यादव अक्टूबर 2019 से अनामिका शुक्ला के फर्जी नाम पर नौकरी कर रही थी। उसने तो बैंक में भी अनामिका के नाम से ही खाता खुलवाया हुआ था।

इस कांड में नाम आने के बाद से फरार चल रही बबिता को अलीगढ़ पुलिस ने कई दिनों की कोशिशों के बाद देर रात गिरफ्तार कर लिया है। कानपुर देहात के रसूलाबाद के चंदनपुरवा की निवासी बबिता इस कांड के खुलासे के बाद 6 जून से घर पर ताला लगाकर फरार थी। उसकी गिरफ्तारी के लिए अलीगढ़ पुलिस तीन दिन से कानपुर और औरैया में डेरा डाले हुए थी।

एसपी क्राइम डॉ. अरविंद कुमार ने बताया कि गिरफ्तारी के लिए दो टीमें लगातार दबिश दे रहीं थीं, लेकिन बबली बार-बार अपना लोकेशन बदल रही थी। इस बीच पुलिस के हाथ बबली का एक करीबी लगा, जिसके बाद अनामिका के दस्तावेजों पर नौकरी करने वाली बबली को अलीगढ़ के बिजौली तिराहे से गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने कहा कि कोर्ट से रिमांड मिलने पर बबली से पूछताछ की जाएगी। उन्होंने बताया कि मामले में पुष्पेन्द्र जाटव, बल्लू यादव और राजबेटी अभी भी फरार हैं, जिन्हें जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

इस बीच अलीगढ़ पुलिस ने उसके कमरे की तलाशी भी ली। वह पांच महीने विद्यालय में ही रही थी। कमरे में रखे उसके बक्से को ताला काटकर खोला गया। अनामिका यानि बबली यानि बबिता यादव के बक्से से तीन मार्कशीट की फोटोकॉपी मिली हैं। एक बीए, दूसरी हाईस्कूल, जबकि तीसरी एक सनद है। इसके अलावा दो रजिस्टर और एक किताब के साथ ही दो संदिग्ध मोबाइल नंबर भी पुलिस को मिले हैं, जिनकी जांच की जा रही है।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि कानपुर देहात के रसुलाबाद की बबिता यादव की नौकरी मैनपुरी के पुष्पेंद्र जाटव उर्फ सुशील जाटव उर्फ गुरु और हसनापुर भोगांव जिला मैनपुरी की उसकी महिला मित्र राजबेटी ने कराई। तीन लाख रुपये लेकर अनामिका शुक्ला के नाम पर उसकी काउंसलिंग अलीगढ़ में कराई गई। पुष्पेंद्र जाटव की टीम ने ही बबली को अनामिका शुक्ला के सभी दस्तावेज उपलब्ध कराए। अनामिका के नाम का आधार कार्ड देने के साथ ही इसी नाम से रसूलाबाद स्थित सेंट्रल बैंक में खाता भी खुलवाया गया। बबिता ने बताया कि उसकी ननद सरिता यादव की भी 3 लाख रुपये लेकर अनामिका शुक्ला के नाम से इलाहाबाद के सौराग ब्लॉक स्थित कस्तूरबा गांधी विद्यालय में नौकरी लगाई गई है।

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में नौकरी करने वाली अनामिका शुक्ला का पर्दाफाश होने के बाद अलीगढ़ के बिजौली स्थित कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में फर्जी तरीके से नौकरी करने वाली बबली कानपुर से फरार हो गईे थी। घर पर ताला लगा था, लेकिन पड़ोसियों ने उसे फोटो से पहचान लिया। पूछताछ में चला कि 6 जून तक वह मकान में रही। दस्तावेजों में दर्ज पति का नाम हरओम सही पाया गया। उसका मानदेय कानपुर के सेंट्रल बैंक के खाते में जा रहा था।

अलीगढ़ पुलिस अब बबिता को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी, जिसमें और भी कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं। लेकिन इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल है कि इतना बड़ा फर्जीवाड़ा सरकार और अधिकरियों के नाक के नीचे कैसे चलता रहा। इस पर तो

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