ब्रिटेन की अदालत से नीरव मोदी को बड़ा झटका, भारत की दलीलें मंजूर, हो सकता है प्रत्यर्पण

नीरव मोदी के पास अभी भी वेस्टमिंस्टर कोर्ट के इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देने का विकल्प मौजूद है। फिलहाल अदालत के इस फैसले को ब्रिटेन की गृह सचिव प्रीति पटेल के पास भेजा जाएगा जो तय करेंगी कि इस मामले में हाईकोर्ट में अपील की अनुमति दी जाए या नहीं।

फोटोः स्क्रीनशॉट
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नवजीवन डेस्क

भारत में पंजाब नेशनल बैंक से 13 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला कर भागे हीरा कारोबारी नीरव मोदी के ब्रिटेन की अदालत से बड़ा झटका लगा है। लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण पर गुरुवार को अपना फैसला सुना दिया। अदालत ने कहा कि नीरव मोदी के खिलाफ भारत में एक मामला है, जिसका उसे सामला करना होगा। कोर्ट ने भारत की दलीलों को मंजूर करते हुए कहा कि नीरव मोदी ने सबूत नष्ट करने और गवाहों को डराने की साजिश रची।

लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट के जज सैमुअल गोजी ने अपने फैसले में कहा कि नीरव मोदी के खिलाफ भारत सरकार द्वारा पेश साक्ष्य दमदार हैं और इन साक्ष्यों के आधार पर नीरव मोदी को दोषी ठहराया जा सकता है। कोर्ट ने कहा नीरव मोदी को भारत में कई सवालों के जवाब देने हैं। साथ ही इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि अगर उन्हें भारत प्रत्यर्पित किया गया तो उनके साथ न्याय नहीं होगा। कोर्ट ने उसके वकील की आर्थर रोड जेल में व्यवस्थाओं की कमी की दलील को भी खारिज कर दिया।

हालांकि, लंदन की कोर्ट के इस आदेश के बाद नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित किये जाने का रास्ता भले साफ होता नजर आ रहा है, लेकिन इस मामले में अभी भी कानूनी पेंच हैं। दरअसल नीरव मोदी के पास वेस्टमिंस्टर कोर्ट के इस फैसले को चुनौती देने का विकल्प मौजूद है। फिलहाल अदालत के इस फैसले को ब्रिटेन की गृह सचिव प्रीति पटेल के पास भेजा जाएगा जो तय करेंगी कि इस मामले में हाईकोर्ट में अपील की अनुमति दी जाए या नहीं।

बता दें कि वर्तमान में नीरव मोदी लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में बंद है। पीएनबी धोखाधड़ी केस की जांच कर रही सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आग्रह पर नीरव मोदी को ब्रिटेन की स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने 13 मार्च 2019 को लंदन से गिरफ्तार किया था, जिसके बाद 19 मार्च 2019 से वह लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में है। नीरव की गिरफ्तारी के बाद ही भारतीय एजेंसियों ने उसके प्रत्यर्पण की कार्रवाई शुरू कर दी थी। लेकिन करीब दो साल बाद पिछले महीने 8 जनवरी को अदालत ने इस मामले की सुनवाई पूरी की थी। जिसके बाद अब आज अदालत ने अपना फैसला सुनाया है।

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