बिहार: योग दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों से नीतीश कुमार ने किया किनारा, क्या बीजेपी के साथ संबंध नहीं है ठीक?

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर बिहार के कई स्थानों पर योग कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में राज्यपाल सत्यपाल मलिक, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी सहित कई बीजेपी नेता शामिल हुए। लेकिन इस कार्यक्रम से सीएम नीतीश कुमार और उनके नेताओं ने दूरी बनाए रखी।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गैर-मौजूदगी क्या बीजेपी-जेडीयू के बीच कड़वे सियासी संबंधों की ओर फिर से इशारा कर रही है? अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर बिहार के कई स्थानों पर योग कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इन कार्यक्रमों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल बीजेपी, लोक जनशक्ति पार्टी और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के नेताओं ने तो बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया लेकिन जेडीयू ने इन कार्यक्रमों से दूरी बनाए रखी।

बिहार के पटना स्थित पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स मैदान में कला, संस्कृति और युवा विभाग द्वारा आयोजित ‘सामूहिक योगाभ्यास’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने किया। उन्होंने ने लोगों से प्रतिदिन योग करने की अपील की।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के योग कार्यक्रम में शामिल नहीं होने पर बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सफाई देते हुए कहा, “जरूरी नहीं है कि लोग योगस्थल पर आकर योग करें।” उन्होंने कहा, “आज 190 देशों में लोग योग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश भी घर में योग करते हैं और योग के कार्यक्रम स्थल पर उनके शामिल होने को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए।”

जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि योग को किसी सहभागिता से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। योग तो कहीं भी, कभी भी किया जा सकता है। लोग तो अपने घर में भी योग करते हैं। सार्वजनिक रूप से योग नहीं करने का यह मतलब तो नहीं है कि हम लोगों को योग से परहेज है।

4 साल पहले जब 21 जून को योग दिवस मनाने का ऐलान हुआ तब बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने तंज कसा था। उन्होंने कहा था कि योग एक व्यक्तिगत मामला है। इसका सार्वजनिक रूप से प्रदर्शन करने से क्या फायदा, लेकिन अब नीतीश बीजेपी के साथ गठबंधन करके सरकार बना चुके हैं। इस समय बीजेपी और मोदी सरकार के इस बड़े आयोजन से जेडीयू का किनारा करना यह दिखाता है कि बीजेपी और जेडीयू में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।

बिहार के सीएम नीतीश कुमार और उनकी पार्टी ने बीजेपी और मोदी सरकार के फैसले के खिलाफ अक्सर खड़े हुए दिखाई देते हैं। कुछ दिनों पहले बिहार सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को खारिज कर राज्य स्तर पर बीमा योजना लेकर आई।

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इससे पहले नोटबंदी के नतीजों पर भी नीतीश कुमार सवाल उठा चुके हैं। नीतीश कुमार ने नोटबंदी के नतीजों पर सवाल उठाते हुए कहा था कि बैंकों की भूमिका के कारण नोटबंदी का लाभ जितना लोगों को मिलना चाहिए था, उतना नहीं मिल पाया।

(आईएनएस के इनुपट के साथ)

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Published: 21 Jun 2018, 2:07 PM