बिहारः कृषि कानूनों के खिलाफ शनिवार को चक्का जाम, माले के साथ किसान-मजदूर संघों ने किया आह्वान

किसान विरोधी कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन पर पटना में भाकपा-माले की केंद्रीय कमेटी की बैठक में हुई चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया। बैठक में पार्टी के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य सहित देश के विभिन्न इलाकों से पार्टी के नेता भाग ले रहे हैं।

फाइल फोटोः सोशल मीडिया
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आसिफ एस खान

केंद्र के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली समेत देश भर में चल रहे आंदोलन के समर्थन में बिहार में 5 दिसंबर को पूरे राज्य में चक्का जाम रहेगा। यह चक्का जाम आंदोलन भाकपा-माले, अखिल भारतीय किसान महासभा और अखिल भारतीय खेत और ग्रामीण मजदूर सभा के संयुक्त बैनर तले आयोजित किया जाएगा।

पटना में आयोजित भाकपा-माले की केंद्रीय कमेटी की बैठक में किसान विरोधी कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन पर हुई चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया। बैठक में पार्टी के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य सहित देश के विभिन्न इलाकों से पार्टी के नेता भाग ले रहे हैं।

पार्टी के बिहार राज्य सचिव कुणाल ने बताया कि तीनों किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने, प्रस्तावित बिजली बिल-2020 को वापस लेने की मांगों के साथ-साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बिहार में धान खरीद की अविलंब गारंटी करने, 400 प्रति क्विंटल गन्ना खरीद की गारंटी सहित कई मांगें भी हमारे आंदोलन में प्रमुखता से शामिल होंगी।

अखिल भारतीय किसान महासभा के महासचिव राजाराम सिंह ने बताया कि सरकार और किसान प्रतिनिधियों के बीच चलने वाली वार्ता के लिए बनी कमेटी में हमारे संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रूल्दू सिंह भी शामिल हैं और हमारा संगठन मजबूती से इस आंदोलन में उतरा हुआ है। भाकपा-माले की केंद्रीय कमेटी ने कहा है कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं और सरकार तीनों कानूनों को रद्द नहीं करती है, तो अनिश्चितकालीन सत्याग्रह और चक्का जाम होगा।

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