बिहार चुनाव: पिछले चुनाव में जो दुश्मन थे वह बनें हैं दोस्त, और दोस्त बन चुके हैं राजनीतिक दुश्मन

सभी राजनीतिक दल विधानसभा चुनाव के लिए तैयार रहने की बात कर रहे हैं। वैसे, बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में तय है कि पिछले चुनाव के दोस्त अब दुश्मन नजर आएंगे और पिछले चुनाव के दुश्मन हाथ थामे रहेंगे।

फोटो : आईएएनएस
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तसलीम खान

बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है, हालांकि चुनाव आयोग ने अब तक तारीखों की घोषणा नहीं की है। इस बीच, राजनीतिक दल सत्ता तक पहुंचने के लिए जोड़तोड़ में लगे हुए हैं।

सभी राजनीतिक दल विधानसभा चुनाव के लिए तैयार रहने की बात कर रहे हैं। वैसे, बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में तय है कि पिछले चुनाव के दोस्त अब दुश्मन नजर आएंगे और पिछले चुनाव के दुश्मन हाथ थामे रहेंगे।

पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी और जनता दल (युनाइटेड) एक-दूसरे के आमने-सामने खड़े थे, लेकिन इस चुनाव में वे फिर से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में साथ हैं। एनडीए में इस बार भी लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के रहने की संभावना है, लेकिन पिछले चुनाव में साथ रही राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) एनडीए के साथ नजर नहीं आएगी। पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी इस चुनाव में विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल है।

दीगर बात है कि महागठबंधन में अब तक सीटों का बंटवारा नहीं होने के कारण आरएलएसपी और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) की स्थिति साफ नहीं है। इधर, पूर्व सांसद पप्पू यादव भी इस चुनाव में जन अधिकार पार्टी के जरिए चुनाव मैदान में उतरने की घोषणा कर चुके हैं। यादव अभी तक किसी गठबंधन के साथ नजर नहीं आ रहे हैं।

वहीं बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए में जेडीयू के साथ आने के बाद एनडीए के पत्ते साफ हैं। वैसे बीजेपी के लिए बिहार विधानसभा चुनाव काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा पटना पहुंच कर तैयारियों का जायजा ले चुके हैं।


इस दौरान पिछले चुनाव में अकेले चुनाव मैदान में उतरे वामपंथी दल भी इस चुनाव में विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल हो सकते हैं। आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन में साथ चुनाव लड़ने को लेकर वामपंथी दलों और आरजेडी नेताओं के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है। आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते भी हैं कि महागठबंधन का आकार बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि कई अन्य दलों के साथ बातचीत चल रही है। सीट बंटवारे को लेकर नाराजगी के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि महागठबंधन के घटक दलों के लिए सीट नहीं जिताउ उम्मीदवार का चयन हो रहा है।

दूसरी तरफ बीजेपी के बिहार अध्यक्ष संजय जायसवाल दावा करते हैं कि एनडीए पूरी मजबूती के साथ चुनाव मैदान में उतर चुका है।
पिछले विधानसभा में महागठबंधन के तहत जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस चुनाव मैदान में उतरी थी और बहुमत के साथ सरकार भी बनाई थी। बाद में नीतीश कुमार अपनी पार्टी जेडीयू के साथ महागठबंधन से अलग हो गए थे और उन्होंने बीजेपी के साथ मिलकर बिहार में सरकार बना ली थी।

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