बाढ़ से बेहाल हुआ बिहार, 11 जिलों की 15 लाख से ज्यादा आबादी प्रभावित, सरकारी राहत नदारद

बिहार में अब तक औसत से 50 फीसदी ज्यादा बारिश हो चुकी है और आने वाले दिनों में और बारिश होने का अनुमान है। वहीं राज्य की करीब सभी प्रमुख नदियों में उफान जारी है और वे खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। जिससे गांवों के साथ कई शहर पानी-पानी हो चुके हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
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आईएएनएस

बिहार में बाढ़ का पानी अब 11 जिलों में फैल गया है, जिससे राज्य की करीब 15 लाख की आबादी प्रभावित हुई है। इस बीच, राज्य सरकार द्वारा राहत और बचाव कार्य प्रारंभ किए गए हैं, जो अब तक नाकाफी साबित हो रहे हैं। अभी भी राज्य की प्रमुख नदियों में उफान जारी है और करीब सभी प्रमुख नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। वहीं भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, बिहार में अब तक औसत से 50 फीसदी ज्यादा बारिश हो चुकी है और आने वाले दिनों में अभी और बारिश होगी।

बिहार के जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोसी नदी का जलस्तर वीरपुर बैराज के पास सोमवार को सुबह छह बजे 1.55 लाख क्यूसेक था, जो आठ बजे बढ़कर 1.62 लाख क्यूसेक पहुंच गया। उधर गंडक नदी के जलस्तर में भी एक बार फिर बढ़ोतरी हो रही है। गंडक का जलस्राव बाल्मीकिनगर बराज पर सुबह छह बजे 1.89 लाख क्यूसेक था, जो आठ बजे 2. 09 लाख क्यूसेक पहुंच गया है। इनके अलावा राज्य की करीब सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। गंगा, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, महानंदा, घाघरा कई क्षेत्रों में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

बिहार के आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव ने बताया कि बिहार की विभिन्न नदियों के बढ़े जलस्तर को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से सतर्क है। नदियों के बढ़े जलस्तर से बिहार के 11 जिलों के कुल 86 प्रखंडों की 625 पंचायतें बाढ से प्रभावित हुई हैं। इन क्षेत्रों में करीब 15 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। उन्होंने दावा किया कि इन इलाकों में 26 राहत शिविर खोले गए हैं, जहां 14,011 लोग रह रहे हैं। इसके अलावा बाढ प्रभावित इलाकों में कुल 463 सामुदायिक रसोई चलाए जा रहे हैं, जिसमें प्रतिदिन 1,77,065 लोग भोजन कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव का कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि अब तक प्रभावित इलाकों से एनडीआरएफ और एसडीआरएफ द्वारा बोट्स के माध्यम से 1,36,464 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से बाहर निकाला गया है। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए हेलीकॉप्टर के माध्यम से फूड पैकेट्स गिराए जा रहे हैं।

वहीं, गांवों में बाढ़ का पानी घुसने के बाद जान बचाने के लिए लोग ऊंचे स्थानों की खोज में राष्ट्रीय राजमार्गों और तटबंधों पर शरण ले रहे हैं। लोगों की शिकायत है कि कहीं भी सरकारी सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। गोपालगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर की स्थिति अब काफी खराब हो चुकी है। गोपालगंज और मुजफ्फरपुर में बाढ़ पीड़ित मुख्य सड़कों पर रात-दिन काट रहे हैं।

गौरतलब है कि चालू मानसून सीजन में अब तक बिहार में औसत से 50 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है, जबकि उत्तर-पश्चिम भारत में औसत से 18 फीसदी कम बारिश हुई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) से मिली जानकारी के मुताबिक, चालू मानसून सीजन के दौरान एक जून से लेकर 26 जुलाई तक बिहार में 690.7 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि इस दौरान औसत बारिश 460.3 मिलीमीटर होती है। इस बीच मौसम विभाग ने अगले दो दिन पटना समेत पूरे बिहार में भारी बारिश का अनुमान जताया है।

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