बिहार में सलाखों के पीछे भी आस्था भारी, जेलों में गूंज रहे छठी मैया के गीत, कैदी रख रहे व्रत

चार दिनों के इस महापर्व की बुधवार को नहाय-खाय के साथ विधिवत शुरूआत हो गई। गुरुवार को व्रतियों ने खीर-रोटी का भोग लगाकर खरना किया। जिसके बाद आज अस्ताचलगामी सूर्य और शनिवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पारण के साथ महापर्व छठ पर्व संपन्न हो जाएगा।

फाइल फोटोः सोशल मीडिया
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मनोज पाठक, IANS

लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर पूरा बिहार भक्तिमय हो गया है। गांवों की पगडंडियों से लेकर शहर के बाजारों और चौक-चौराहों से लेकर गली-मोहल्लों तक छठ के पारंपरिक कर्णप्रिय गीत गूंज रहे हैं। इस भक्तिमय माहौल में राज्य के जेलों के अंदर भी आस्था भारी पड़ा है और जेलों में छठी मैया के गीत गूंज रहे हैं।

दरअसल सूबे की जेलों में बंद कई कैदी भी छठ पर्व कर रहे हैं, जिस कारण जेलों के अंदर भी माहौल भक्तिमय हो गया है। इतना ही नहीं, जेलों में बंद कई मुस्लिम कैदी भी लोक आस्था के इस महापर्व में बढ़चढ़ कर ना केवल हिस्सा ले रहे हैं, बल्कि कई स्थानों पर मुस्लिम कैदी छठ पर्व कर भी रहे हैं।

पटना के बेउर जेल में इन दिनों छठ के पारंपरिक गीत गूंज रहे हैं। जेल में इस वर्ष 39 कैदी नियम, निष्ठा और परंपरा के साथ छठ व्रत कर रहे हैं, जिसमें 18 पुरूष और 21 महिला कैदी शामिल हैं।
बेउर के सहायक जेल अधीक्षक संजय कुमार ने बताया कि छठ व्रतियों के लिए जेल परिसर में जल कुंड बनाए गए हैं, जहां व्रती शुक्रवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगे। उन्होंने बताया कि पूजन सामग्री के साथ प्रसाद की व्यवस्था जेल प्रशासन की ओर से की गई है।

वहीं, मोतिहारी जेल में भी छठ के गीत गाए जा रहे हैं। जेल में बंद 69 बंदियों ने जेल के अंदर विधि पूर्वक छठ पर्व के दौरान गुरुवार को खरना किया। इनमें 37 महिलाएं और 32 पुरुष बंदी शामिल हैं। जेल के अंदर अस्थायी तालाब का निर्माण कराया गया है। हिदू और मुस्लिम लोगों ने मिलकर तालाब का निर्माण किया है, जिसे सजाया भी गया है। यहां कई मुस्लिम कैदी भी छठ पर्व कर रहे हैं।

इस मौके पर महिला और पुरुष व्रतधरियों को जेल प्रशासन द्वारा नए वस्त्र भी दिए गए हैं। मोतिहारी के जेल अधीक्षक विदु कुमार ने बताया कि जेल प्रशासन द्वारा महिला और पुरुष बंदियों के लिए फल के अलावा पूजन सामग्री और वस्त्र की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि अन्य कैदी इन व्रतधारियों की मदद में जुटे हैं।

मुंगेर में भी भक्तिभाव का माहौल है। यहां छह कैदी छठ व्रत कर रहे हैं जो शुक्रवार की शाम डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगे। जेल प्रशासन द्वारा छठ व्रतियों को पूजन सामग्री सहित सभी सुविधा उपलब्ध कराई गई है। गुरुवार को इन सभी कैदियों ने खरना का व्रत रखा। व्रती कैदियों ने नहाय खाय और खरना का प्रसाद जेल में बंद अन्य कैदियों और मंडल कारा के पुलिस कर्मियों के बीच वितरित किया।

मुंगेर जेल के जेल अधीक्षक जलज कुमार ने बताया कि मंडल कारा के महिला वार्ड की कैदी नीलम देवी, गीता देवी, शांति देवी और रुक्मणि देवी और पुरुष वार्ड में बंद अजीत चौधरी और विक्की जायसवाल नामक कैदी छठ पर्व कर रहें हैं। जेल प्रशासन की ओर से इन सभी के लिए तमाम व्यवस्थाएं की गई हैं।

इसी तरह गोपालगंज जेल में भी 20 महिलाएं और 5 पुरुष बंदी छठ पूजा कर रहे हैं। जेल प्रशासन द्वारा सूप और डाला के लिए फल और पूजन सामग्री के साथ छठ व्रती महिला और पुरूष बंदी को साड़ी, धोती, गंजी भी दिया गया है। जेल परिसर स्थित तालाब की साफ-सफाई कराई गई है, जहां व्रतधाारियों के भगवान भास्कर को अर्घ्य देने की व्यवस्था की गई है।

बता दें कि चार दिनों के इस महापर्व की बुधवार को नहाय-खाय के साथ विधिवत शुरूआत हो गई। गुरुवार को व्रत करने वालों ने खीर-रोटी का भोग लगाकर खरना किया। जिसके बाद आज शुक्रवार को अस्ताचलगामी सूर्य और फिर शनिवार को उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के बाद पारण के साथ महापर्व छठ पर्व संपन्न हो जाएगा।

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