मुजफ्फरपुर कांड: सीबीआई पूछताछ में ब्रजेश ठाकुर की राजदार मधु ने उगले कई राज, रडार पर आ सकते हैं कई अधिकारी

बिहार के बहुचर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के राजदार कहे जाने वाली मधु ने सीबीआई रिमांड के दौरान कई राज उगले हैं। इसके बाद समाज कल्याण विभाग के कई अधिकारी सीबीआई की रडार पर आ गए हैं।

फोटो: सोशल मीडिया 
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नवजीवन डेस्क

बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। इस मामले की ब्रजेश ठाकुर की राजदार रही साइस्ता परवीन उर्फ मधु से सीबीआई ने रिमांड के दौरान पूछताछ की। इस पूछताछ के दौरान मधु ने कई अहम खुलासे किए हैं। खबरों के मुताबिक, मधु ने पूछताछ के दौरान उन अधिकारियों के नाम भी बताए हैं जो ब्रजेश ठाकुर को बचाने में मदद कर रहे थे। इन मददगारों में समाज कल्याण विभाग और स्थानीय पुलिस के कई स्थानीय पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं।

इसके बाद सीबीआई टीम समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों से पूछताछ कर सकती है। मधु ने सीबीआई को बताया कि ब्रजेश के खिलाफ कोई भी मुंह नहीं खोलता था। उसकी सरकारी संगठनों के अधिकारियों से गहरी पैठ थी। ब्रजेश ठाकुर के कारनामों का पता होने के बाद भी बाल कल्याण समिति और विभागीय अधिकारी चुप रहते थे। साथ ही जांच के बाद भी अधिकारी बालिका गृह में सबकुछ ठीक होने की रिपोर्ट देते थे। इस सब खुलासे के बाद सीबीआई ऐसे अधिकारियों की जांच के लिए सूची तैयार कर रही है।

मधु के मुताबिक, जिले के सरकारी संगठनों में ब्रजेश की गहरी पैठ थी। उसके रैकेट से जुड़े लोगों को उसने इसमें बहाल करवा रखा था। बाल कल्याण समिति और विभागीय अधिकारी बालिका गृह में उसकी करतूतों को जानने के बाद भी चुप रहते थे।

मधु से मिली जानकारी की सच्चाई को सीबीआई जांच कर रही है। खबरों की माने तो सीबीआई टीम समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों से पूछताछ कर सकती है। मधु के बाद अब सीबीआई समाज क्लयाण समिति के अध्यक्ष दिलीप वर्मा की तलाश में जुटी है। वह अब तक फरार है। उसकी गिरफ्तारी के लिए सीबीआइ दबिश बना रखी है।

बता दें कि अखबार और ब्रजेश ठाकुर के कई कारोबार को संभालने वाली मधु को 21 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा शेल्टर होम में ‘डॉक्टर’ के रूप में सेवाएं देने वाले स्वयंभू चिकित्सक अश्विनी को 20 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था।

गौरतलब है कि इस साल की शुरुआत में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस, मुंबई (टीआईएसएस) ने अपने सोशल ऑडिट के आधार पर मुजफ्फरपुर के साहु रोड स्थित बालिका सुधार गृह में नाबालिग लड़कियों के साथ कई महीने तक रेप और यौन शोषण होने का खुलासा किया था।

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