बिहारः नीतीश ने जहरीली शराब के लिए BJP को ठहराया जिम्मेदार, कहा- इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा

सारण के मशरख और इसुआपुर गांव में बुधवार को जहरीरली शराब पीने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 20 हो गई। इनमें से 5 की मौत मंगलवार रात को हुई जबकि 15 अन्य लोगों की मौत बुधवार को एक अस्पताल में हुई। इसके अलावा कुछ अन्य लोगों की हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

बिहार के सारण में जहरीली शराब के सेवन से कई लोगों की मौत को लेकर बुधवार को राज्य विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी बीजेपी पर शराब के सेवन से राज्य में लोगों की मौत का आरोप लगाया। नीतीश कुमार ने विधानसभा में कहा, ''भाजपा विधायक बिहार में जहरीली शराब त्रासदी के लिए जिम्मेदार हैं। हम सभी जानते हैं कि आप डर्टी कार्य कर रहे हैं। मैं आपसे अलग हो गया हूं और यह मेरा अच्छा फैसला था। आप बिहार में शराब के पक्ष में बात कर रहे हैं। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।''

रिपोर्ट के मुताबिक, सारण के मशरख और इसुआपुर गांव में बुधवार को जहरीरली शराब के सेवन से मरने वालों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है। इनमें से पांच की मौत मंगलवार रात को हुई जबकि 15 अन्य लोगों की मौत बुधवार को एक अस्पताल में हुई। इसके अलावा कुछ अन्य लोगों की हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है।

इस मामले पर आज विधानसभा में बीजेपी विधायकों के सदन के वेल में आने, लगातार हंगामा करने और कार्यवाही को बाधित करने की कोशिश करने पर सीएम नीतीश कुमार नाराज हो गए। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने बीजेपी विधायकों से बार-बार सीटों पर वापस जाने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने उनकी एक नहीं सुनी। इसी दौरान नीतीश कुमार ने अपनी सीट से उठकर बीजेपी पर जोरदार हमला बोला और शराब त्रासदि के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया।


नीतीश कुमार के आपा खोने के बाद वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि बिहार में हमारे पास शराबबंदी कानून है, फिर भी लोग इसे पी रहे हैं और मर रहे हैं। शराब के सेवन से हुई मौतों ने साबित कर दिया कि यह स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि बिहार विधानसभा में 2016 में जब शराबबंदी कानून लागू हुआ था, तब हर दल ने इसका समर्थन किया था। अब वे राज्य सरकार पर आरोप लगा रहे हैं।

विजय चौधरी ने कहा कि विपक्षी नेता दावा कर रहे हैं कि शराब हर जगह उपलब्ध है, लेकिन जब हम उनसे विक्रेताओं का ब्योरा मांगते हैं, तो वे चुप हो जाते हैं। जो लोग शराब पीते हैं उन्हें अपने स्वास्थ्य और समाज की परवाह नहीं है। अगर शराब के सेवन से किसी की मौत हो रही है, तो वास्तव में शराबबंदी कानून रेलेवन्स साबित हो रहा है।

चौधरी ने कहा कि अगर शराबबंदी के बावजूद यह उपलब्ध है और लोग शराब पी रहे हैं, तो यह एक अपराध है। राज्य सरकार का मानना है कि यह एक गलत प्रैक्टिस है और वे इसके लिए जवाबदेह हैं। बाद में नीतीश कुमार और चौधरी को जवाब देते हुए विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि जिस तरह से नीतीश कुमार अपना आपा खो रहे हैं और सदन के पटल पर असंसदीय भाषा का उपयोग कर रहे हैं, वह अस्वीकार्य है। नीतीश कुमार को इस तरह के बर्ताव के लिए माफी मांगनी चाहिए। बीजेपी ने सदन का बहिष्कार करने का फैसला किया है।

वहीं बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि मैं मृतक के परिजनों से सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अपील करना चाहता हूं। वह बिहार में शराब त्रासदी के लिए जिम्मेदार हैं। बिहार में शराबबंदी कानून पूरी तरह फेल हो गया है।

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