बिहारः लगातार बारिश से पटना का बुरा हाल, कई इलाके जलमग्न, कई सड़कों पर कमर तक पानी, राज्य की नदियां उफान पर

राजधानी का डाकबंगला रोड, पटना जंक्शन, बोरिंग रोड, कंकड़बाग कॉलोनी, राजेंद्र नगर और स्टेशन रोड जैसे हाई-प्रोफाइल इलाकों में घुटनों तक पानी भर गया, जिससे सड़क और रेल संपर्क दोनों ठप हो गए। खराब मौसम के कारण सीएम नीतीश कुमार को कटिहार दौरा रद्द करना पड़ा है।

बिहारः लगातार बारिश से पटना का बुरा हाल, कई इलाके जलमग्न, कई सड़कों पर कमर तक पानी, राज्य की नदियां उफान पर
बिहारः लगातार बारिश से पटना का बुरा हाल, कई इलाके जलमग्न, कई सड़कों पर कमर तक पानी, राज्य की नदियां उफान पर
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नवजीवन डेस्क

बिहार में लगातार 12 घंटे की बारिश के बाद सोमवार को पटना में भारी जलभराव हो गया, जिससे शहर लगभग थम सा गया। कई अहम सड़कों से लेकर रेलवे स्टेशन तक, बाढ़ जैसे हालात ने एक बार फिर मानसून की तैयारी में प्रशासनिक नाकामी को उजागर कर दिया। राजधानी का डाकबंगला रोड, पटना जंक्शन, बोरिंग रोड, कंकड़बाग कॉलोनी, राजेंद्र नगर और स्टेशन रोड जैसे हाई-प्रोफाइल इलाकों में घुटनों तक पानी भर गया, जिससे सड़क और रेल संपर्क दोनों ठप हो गए। खराब मौसम के कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कटिहार दौरा रद्द करना पड़ा है।

लगातार बारिश के कारण राजेंद्र नगर रेलवे स्टेशन के बाहर भी पानी भर गया। बताया गया कि रेलवे ट्रैक पर बारिश का पानी जमा होने से कई ट्रेनों के परिचालन में दिक्कतें आईं। बारिश के कारण स्कूल वैन समय पर नहीं पहुंच पाईं और बच्चे स्कूल नहीं पहुंच पाए। वहीं कई स्कूल बंद कर दिए गए। सड़कें जलमग्न होने के कारण ऑफिस जाने वाले लोग अपने घरों में ही फंसे रहे। बच्चों और बुजुर्गों के लिए बाहर निकलना लगभग नामुमकिन हो गया। सड़कें छोटी नदियों जैसी लग रही थीं और पैदल चलने वाले लोग खुले नालों और बिजली के झटके लगने के डर से बेहद सावधानी से चलते देख गए।


राजेंद्र नगर के एक निवासी ने कहा, "हमें बारिश से नहीं, बल्कि पानी के नीचे छिपी चीजों (नालियों, गड्ढों और बिजली के तारों) से डर लगता है। यह प्रकृति का प्रकोप नहीं, बल्कि नागरिकों की लापरवाही है।" एक यात्री, शैलेश कुमार ने कहा, "हर साल, नगर निगम नालों की सफाई, पंप लगाने और नियंत्रण कक्ष स्थापित करने का दावा करता है। फिर भी, भारी बारिश के कुछ ही घंटों में, ये दावे हवा हो जाते हैं। बस निराशा और जाम का एहसास ही बचता है।"

राजधानी की कई सड़कों के पानी में डूबने के बाद पटना के जिलाधिकारी त्यागराजन एस.एम. ने वरीय दंडाधिकारियों को बड़े नालों सहित सभी छोटे-बड़े नालों, पंपिंग स्टेशन और संपिंग हाउस का संयुक्त निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। पटना जिला प्रशासन के मुताबिक, रात्रि से अधिक वर्षा को देखते हुए जिलाधिकारी के निर्देश के बाद वरीय दंडाधिकारियों के नेतृत्व में जिला प्रशासन, नगर निगम, बुडको आदि की टीम द्वारा नौ बड़े नालों सहित सभी छोटे-बड़े नालों, पंपिंग स्टेशन एवं संपूर्ण हाउस का संयुक्त निरीक्षण किया जा रहा है।

वहीं, मानसून की बारिश ने बिहार की कई नदियों का जलस्तर भी बढ़ा दिया है। पटना में दीघा घाट और गांधी घाट, दोनों जगहों पर गंगा नदी खतरे के निशान को पार कर गई है। दीघा घाट पर, गंगा खतरे के निशान से 13 सेंटीमीटर ऊपर है, जबकि गांधी घाट पर यह 53 सेंटीमीटर ऊपर है, जिससे बाढ़ का पानी दियारा, मनेर, दानापुर, फतुहा, बख्तियारपुर और दनियावां जैसे निचले इलाकों में तेजी से फैल रहा है।


गोपालगंज के डुमरिया घाट में गंडक नदी खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है। पटना मौसम विज्ञान केंद्र ने अगले 24 घंटों में राज्य के 19 जिलों में भारी बारिश और 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का पूर्वानुमान जताया है। सुपौल, अररिया और किशनगंज में भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है, साथ ही बिजली और गरज के साथ छींटे पड़ने की चेतावनी भी दी गई है। मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा पटना समेत कई जिलों में बारिश को लेकर ऑरेंज और येलो अलर्ट घोषित किया गया है। गया, पटना, सीवान समेत कई जिलों में बारिश और वज्रपात को लेकर चेतावनी भी जारी की गई है। नदियों के उफान पर होने और बारिश जारी रहने के कारण, बिहार में लंबे समय तक मानसून का संकट बना रहेगा।

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