बिहारः आखिर ये रिश्ता क्या कहलाता है, जेडीयू से गठबंधन पर बीजेपी में उठने लगे सवाल

आरएसएस और उसके अनुषांगिक ईकाइयों की जांच के आदेश के बवाल के बाद बीजेपी के कई नेता अपनी ही पार्टी के गठबंधन पर सवाल उठाते हुए पूछ रहे हैं कि आखिर ये रिश्ता क्या कहलाता है। उनका कहना है कि बीजेपी में इतना दम है कि वो अकेले ही चुनाव लड़ सकती है।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया
user

आईएएनएस

बिहार में जनता दल (युनाइटेड) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार भले ही चल रही हो परंतु बिहार सरकार के आरएसएस और उसके अनुषांगिक ईकाइयों की जांच के आदेश के बाद बीजेपी नेताओं की तरफ से जिस तरह की बयानबाजी शुरू हो गई है, उससे यह कहा जाने लगा है कि 'यह रिश्ता क्या कहलाता है।'

बीजेपी के विधान पार्षद और प्रदेश में पार्टी के वरिष्ठ नेता सच्चिदानंद राय ने शनिवार को अपनी ही पार्टी के गठबंधन पर सवाल उठाते हुए पूछा कि “आखिर यह रिश्ता क्या कहलाता है।” सच्चिदानंद राय ने कहा, “मैं नहीं जानता कि अभी तक बीजेपी क्यों गठबंधन का हिस्सा बनी हुई है। बीजेपी में इतना दम है कि वो अकेले ही चुनाव लड़ सकती है।”

उन्होंने अपने अंदाज में कहा, "मुझे तो यही समझ नहीं आ रहा कि यह संबंध (रिश्ता) क्या कहलाता है ?" उन्होंने बेबाक अंदाज में कहा कि नीतीश कुमार की सरकार बनी रहेगी। आप साथ रहें या कोई और साथ रहे। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार सत्ता के लिए कुछ भी कर सकते हैं। बिहार के हालातों पर चिंता जाहिर करते हुए सच्चिदानंद ने कहा कि इस मामले में केंद्रीय नेतृत्व को तुंरत फैसला लेना चाहिए और बिहार के गठबंधन पर चर्चा करनी चाहिए।

अपने बयानों से सुर्खियों में रहने वाले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी आरएसएस और इससे जुड़े संगठनों की जांच के लिए इशारों ही इशारों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दोषी बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को बिना बताए या उनकी इजाजत के बिना इतना बड़ा निर्णय कैसे लिया गया? उन्होंने कहा, “यह किसी को समझ में ही नहीं आया कि जांच कराने के आदेश देने के पीछे क्या कारण था? बिहार में जेडीयू, बीजेपी के साथ सरकार में है और संघ हमारा मातृ संगठन है।”

उन्होंने कहा कि जो घटना घटी, वो काफी आपत्तिजनक थी। इस घटना से लोगों में इतना आक्रोश है कि लोग अब पूछ रहे हैं कि हम सरकार में हैं या सरकार से बाहर? हालांकि शनिवार को उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं, अब जांच के बाद ही कुछ पता चलेगा। उल्लेखनीय है कि हाल ही में पुलिस की विशेष शाखा द्वारा आरएसएस और उसके संगठनों की जांच को लेकर एक पत्र सामने आया है, जिसको लेकर बीजेपी नाराज है।

इस बीच, झारखंड और बिहार के दौरे पर पहुंचे बीजेपी के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आरएसएस देशभक्तों का संगठन है। सामाजिक कार्यो में अपना जीवन देने वाले कार्यकर्ता देश को मजबूत बनाने में लगे हैं, ऐसे में इन संगठनों की जांच बर्दाश्त के लायक नहीं है।

आरजेडी भी बीजेपी और जेडीयू के बीच चल रही इस रस्साकसी में अपनी रोटी सेंकने की कोशिश में है। आरजेडी के उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह कहते हैं कि राजनीति में किसी से बैर नहीं होता। नीतीश के लिए आरजेडी में 'नो इंट्री' हटाए जाने के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि बीजेपी को खदेड़ने के लिए सबको साथ आना होगा।

हालांकि, राजनीति के जानकार इसे बहुत जल्दबाजी मानते हैं। पटना के वरिष्ठ पत्रकार संतोष सिंह कहते हैं कि अगले साल चुनाव होना है। ऐसे में बीजेपी और जेडीयू में यह रस्साकसी चलती रहेगी, परंतु दोनों अलग होंगे, यह कहना अभी जल्दबाजी है। उन्होंने इसे दबाव की राजनीति बताते हुए कहा कि दोनों दल 'बड़े भाई' बनने की जुगाड़ में हैं। इधर, जेडीयू नेता केसी़ त्यागी ने बीजेपी के ऐसे नेताओं को 'छपास रोगी' (अखबार में छपने वाला) बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसे लोगों को लेकर चिंता भी जता चुके हैं।

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia