बिहारः माओवादियों का टॉप लीडर प्रमोद मिश्र गिरफ्तार, चार राज्यों में कई नक्सली हमले का है मास्टरमाइंड

प्रमोद मिश्रा की गिनती माओवादियों के संगठन में देश के स्तर पर मास्टरमाइंड और प्रमुख रणनीतिकार के रूप में होती है। उसका नाम 2006 में यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट की कंट्री रिपोर्ट्स ऑन टेररिज्म में भी सामने आया था। नक्सली संगठनों के विस्तार में उसका अहम रोल रहा है।

बिहार में माओवादियों का टॉप लीडर प्रमोद मिश्र गिरफ्तार
बिहार में माओवादियों का टॉप लीडर प्रमोद मिश्र गिरफ्तार
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नवजीवन डेस्क

बिहार के गया जिले की पुलिस ने सीपीआई माओवादी संगठन के पोलित ब्यूरो सदस्य और शीर्ष नेताओं में से एक प्रमोद मिश्र को उसके एक सहयोगी अनिल यादव के साथ गिरफ्तार कर लिया है। उस पर झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ और आंध्रप्रदेश में नक्सली वारदातों के दर्जनों मामले दर्ज हैं। हालांकि अभी आधिकारिक तौर पर उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की गई है।

दिल्ली, पंजाब, हरियाणा सहित कई राज्यो में नक्सली संगठनों के विस्तार में उसका अहम रोल रहा है। उसने झारखंड-बिहार की सीमा पर गया जिले में किसी ठिकाने पर पनाह ले रखी थी।इसके कुछ महीने पहले तक वह झारखंड के सारंडा इलाके में सक्रिय था। प्रमोद मिश्रा की गिनती माओवादियों के संगठन में देश के स्तर पर मास्टरमाइंड और प्रमुख रणनीतिकार के रूप में होती है। वह वर्षों तक जेल में रहा और 2017 में सबूत के अभाव में छूटने के बाद भूमिगत हो गया।


प्रमोद मिश्र का नाम वर्ष 2006 में यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट की कंट्री रिपोर्ट्स ऑन टेररिज्म में भी सामने आया था। वह मूल रूप से बिहार के औरंगाबाद जिले के रफीगंज थाना अंतर्गत कसमा गांव का रहने वाला है। वह संगठन में सोहन दा, शुक्ला जी, कन्हैया, जगन भरत जी, नूर बाबा, बीबी जी, अग्नि और बाण बिहारी जैसे नामों से जाना जाता है।

प्रमोद मिश्र को इसके पहले झारखंड पुलिस की एसटीएफ ने धनबाद के विनोद नगर से 14 मार्च 2009 को गिरफ्तार किया था। वहां उसने अपने रिश्तेदार के यहां पनाह ले रखी थी। सबूतों के अभाव में 2017 में जेल से निकलने के बाद वह एक बार फिर से नक्सली गतिविधियों में सक्रिय हो गया था। दो साल पहले गया में एक परिवार के चार लोगों को नक्सलियों ने मुखबिरी के आरोप मे फांसी पर लटका दिया था।


बताया जाता है कि प्रमोद मिश्र ने ही इन्हें फांसी पर लटकाने का हुक्म दिया था। एनआईए और बिहार और झारखंड की पुलिस बीते कई महीनों से उसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत थी। बीते तीन मई को उसके पैतृक आवास और रिश्तेदारों के घर पर एनआईए ने छापेमारी भी की थी, लेकिन वह पकड़ में नहीं आया था। अब गया से उसके गिरफ्तार होने की खबर आ रही है।

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