रांची के बर्ड फ्लू का प्रकोप, इन्फेक्टेड जोन में पक्षियों को मारने का अभियान शुरू, अब तक 920 पक्षियों को मारा गया

मोराबादी में राम कृष्ण आश्रम द्वारा संचालित पोल्ट्री फॉर्म ‘दिव्यायन कृषि विज्ञान केंद्र’ में 770 बत्तखों समेत 920 पक्षियों को मार दिया गया।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

रांची में एक महीने के भीतर दूसरी बार बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद प्रभावित इलाकों में जिला प्रशासन की ओर से गठित रैपिड रिस्पांस टीम ने बुधवार से मुर्गे-मुर्गियों, बत्तख और अन्य पक्षियों को मारने का अभियान शुरू किया। इस बार रांची के मोरहाबादी से 10 किलोमीटर की परिधि का इलाका इन्फेक्टेड जोन के तौर पर चिन्हित किया गया है। एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि मोराबादी में राम कृष्ण आश्रम द्वारा संचालित पोल्ट्री फॉर्म ‘दिव्यायन कृषि विज्ञान केंद्र’ में 770 बत्तखों समेत 920 पक्षियों को मार दिया गया। उन्होंने बताया कि कुल 4,300 अंडों को भी नष्ट कर दिया गया है।

इस इलाके में मुर्गे-मुर्गियों, पक्षियों और अंडों की बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। मोरहाबादी इलाके में रामकृष्ण मिशन की ओर से “दिव्यायन” नामक परिसर में बड़े पैमाने पर पोल्ट्री उत्पादन होता है। यहां 15 मई को पक्षियों की मौत के बाद उनके सैंपल जांच के लिए भोपाल स्थित “नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटीज एनिमल डिजिज” को भेजे गए थे। 20 मई को आई रिपोर्ट में यहां बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई।

इसकी सूचना मिलते ही रांची जिला प्रशासन ने रैपिड रिस्पांस टीम गठित की है। बुधवार को रामकृष्ण मिशन के फार्म हाउस को सील कर सभी बत्तखों और मुर्गियों को मारे जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। फार्म में इस्तेमाल हो रहे फीड को भी नष्ट किया जाएगा। फार्म हाउस में काम करने वाले कर्मचारियों को भी आइसोलेट किया जा रहा है।

रांची के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने कहा कि भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार, इन्फेक्टेड मुर्गे-मुर्गियों, बत्तख और पक्षियों को मारकर डिस्पोज किया जाता है। लोगों से अभियान में सहयोग की अपील की गई है। इधर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के झारखंड राज्य निदेशक आलोक त्रिवेदी ने रांची के सिविल सर्जन को सर्विलांस जोन में सर्दी, खांसी, बुखार और सांस के मरीजों की पहचान कर उनका प्रबंधन करने का निर्देश दिया है।

डॉक्टरों ने बताया कि जिनके घरों में कुक्कुट है या जो पोल्ट्री फार्म में मुर्गियों की देखरेख करते हैं, उनमें अगर एवियन इन्फ्लूएंजा के लक्षण जैसे तेज बुखार, गले में खराश, सर्दी-जुकाम, शरीर में तेज दर्द, छाती में कफ, सांस लेने में दिक्कत, भूख में कमी जैसे लक्षण दिखें तो खुद को आइसोलेट कर तुरंत डॉक्टर से मिले।

जिस इलाके में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है उसके आसपास के एक किलोमीटर के रेडियस में रहने वाले लोगों को कम से कम 21 दिन तक चिकन, अंडा खाने से परहेज करना चाहिए। बता दें कि इसके पहले रांची में खेलगांव इलाके के होटवार स्थित क्षेत्रीय कुक्कुट प्रक्षेत्र में बीते 12-13 अप्रैल को दो दर्जन चूजों की मौत के बाद बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी।

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