बर्ड फ्लू का आतंक: महाराष्ट्र, हिमाचल, राजस्थान समेत कई राज्यों में मामले आए सामने, देश में बढ़ाई गई चौकसी

महाराष्ट्र के परभणी जिले के मुरूंबा गांव स्थित पोल्ट्री फार्म में करीब 800 मुर्गियों की मौत हो गई, जिसके बाद इनके नमूनों को जांच के लिए भेजा गया। जांच रिपोर्ट में ये बात सामने आई कि इन मुर्गियों की मौत 'बर्ड फ्लू' की वजह से हुई है।

फोटो: IANS
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विनय कुमार

बर्ड फ्लू के आतंक के बीच केंद्र सरकार ने देश भर के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जल निकायों, लाइव बर्ड मार्केट, चिड़ियाघरों और पोल्ट्री फार्मों के आसपास निगरानी बढ़ाने के साथ-साथ पोल्ट्री मार्केट में जैव सुरक्षा को मजबूत करने का निर्देश दिया है। मछली पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में कहा कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने और एवियन इन्फ्लूएंजा या बर्ड फ्लू पर गलत सूचना के प्रसार को रोकने के लिए कहा गया है।

इस बयान में आगे कहा गया है कि सभी राज्यों सहित केंद्रशासित प्रदेशों से पशुओं-पक्षियों के शवों का उचित निपटान सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है। मंत्रालय ने आगे कहा कि हरियाणा के पंचकूला जिले के दो पोल्ट्री फर्मों से लिए गए नमूनों में एवियन इन्फ्लुएंजा की पुष्टि के बाद त्वरित प्रतिक्रिया की नौ टीमों को तैनात कर दोनों ही स्थानों पर चीजों को नियंत्रण में लाने का काम शुरू कर दिया है।


इसके साथ ही महाराष्ट्र के परभणी जिले के मुरूंबा गांव स्थित पोल्ट्री फार्म में करीब 800 मुर्गियों की मौत हो गई, जिसके बाद इनके नमूनों को जांच के लिए भेजा गया। जांच रिपोर्ट में ये बात सामने आई कि इन मुर्गियों की मौत 'बर्ड फ्लू' की वजह से हुई है। गुजरात के सूरत जिले के अलावा राजस्थान के सिरोही में भी कौवों/जंगली पक्षियों के नमूनों में भी एवियन इन्फ्लुएंजा (एच5) के होने की पुष्टि हुई थी। इधर, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले से भी 86 कौवों और दो 2 एगरेट के असामान्य तरीके से मौत होने की सूचना मिली थी।

मंत्रालय ने बताया कि हिमाचल के नाहन, बिलासुपर और मंडी से भी जंगली पक्षियों के असामान्य रूप से मरने की खबरें मिली है और इनके नमूनों को जांच के लिए प्रयोगशालाओं में भेजा गया है। तब से प्रभावित राज्यों में एडवाइजरी जारी कर दी गई है ताकि एवियन रोग को फैलने से रोका जा सके। अब तक केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, गुजरात और उत्तर प्रदेश से इस बीमारी की पुष्टि हो चुकी है।

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