झारखंड में पेपर लीक और नकल रोकने का कानून लाने पर भड़की BJP, दोषियों को उम्रकैद तक का है प्रावधान

इस बिल के कानून बन जाने पर पेपर लीक और नकल के दोषी पाए जाने वालों के लिए तीन साल से लेकर आजीवन कारावास और पांच लाख से लेकर एक करोड़ रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है। झारखंड सरकार इस विधेयक को विधानसभा के चालू मॉनसून सत्र में पास कराने की तैयारी में है।

झारखंड में पेपर लीक और नकल रोकने का कानून लाने पर भड़की BJP
झारखंड में पेपर लीक और नकल रोकने का कानून लाने पर भड़की BJP
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नवजीवन डेस्क

झारखंड में प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक और नकल रोकने के लिए हेमंत सोरेन सरकार की ओर से लाए जा रहे बिल पर बीजेपी और उसकी सहयोगी आजसू ने आपत्ति जताई है। इतना ही नहीं दोनों पार्टियों ने पेपर लीक रोकने के बिल की तुलना अंग्रेजी हुकूमत के खौफनाक कानून तक से कर दी है।

दरअसल इस बिल के कानून बन जाने पर पेपर लीक और नकल के लिए दोषी पाए जाने वालों के लिए तीन साल से लेकर आजीवन कारावास और पांच लाख से लेकर एक करोड़ रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है। झारखंड सरकार इस विधेयक को विधानसभा के चालू मॉनसून सत्र में पास कराने की तैयारी में है। इसके ड्राफ्ट को पिछले दिनों कैबिनेट से मंजूरी दी गई थी। इस विधेयक का नाम 'झारखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अधिनियम- 2023' है।

पेपर लीक और नकल रोकने के इस कानून का विरोध करते हुए बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा में पार्टी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत सरकार 'झारखंड प्रतियोगी परीक्षा विधेयक- 2023' के नाम पर अंग्रेजों से भी ज्यादा खौफनाक कानून लेकर आई है। इसके प्रावधान देशद्रोह, पॉक्सो, एससी/एसटी अत्याचार निवारण कानून से भी ज्यादा ताकतवर और खतरनाक हैं।


बाबूलाल मरांडी ने कहा कि यह बिल कानून बन गया तो भर्ती परीक्षाओं पर सवाल उठाने वाले अभ्‍यर्थियों पर 10 साल तक प्रतिबंध लगेगा। बिल में प्रावधान किया जा रहा है कि किसी भी अधिकारी को किसी भवन, स्थान, जलयान, वायुयान या यान में, जहां उन्हें संदेह होगा, वहां वो प्रवेश कर सकते हैं और तलाशी ले सकते हैं। इतना ही नहीं, किसी भी ऐसे व्यक्ति के विरूद्ध एफआईआर के लिए किसी प्रारंभिक जांच की आवश्यकता नहीं होगी।

मरांडी ने कहा कि बिना जांच किसी को भी गिरफ्तार किया जा सकता है। अगर एक बार 'झारखंड प्रतियोगी परीक्षा विधेयक- 2023' लागू हो गया तो कोई परीक्षार्थी सरकार के खिलाफ कोई आवाज नहीं उठा सकेगा। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि बीजेपी इस कानून का विरोध करेगी। यह छात्रों को जेल भेजने के लिए लाया गया है। उनका करियर तबाह कर देगा। भ्रष्ट एवं बेईमान अफसर इस घटिया क़ानून की आड़ में राजनैतिक टूल की तरह इस्तेमाल होकर बदले की भावना से किसी के घर में घुसेंगे और किसी को भी उठाकर जेल भेज देंगे।


उन्होंने आरोप लगाया कि हेमंत सोरेन अपने खिलाफ़ उठ रही जनता की आवाज़, आक्रोश और असंतोष को दबाने के लिए काला कानून लेकर आए हैं। झारखंड की जनता समझदार है। मेरी लोगों से अपील है कि इस काले क़ानून का तीव्र विरोध करें। वहीं आजसू के अध्यक्ष सुदेश महतो ने भी कहा कि परीक्षा में कदाचार रोकने के नाम पर सरकार जिस तरह का कानून बनाना चाहती है, उससे यह साफ है कि वह छात्रों की आवाज को दबाना चाहती है। हम इसके खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे। लाठी-हथकड़ी के बल पर युवाओं की आवाज को दबने नहीं देंगे।

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