'बीजेपी ने ‘वंदे मातरम्’ को नफरत की भाषा बना दिया, समाज को धर्म-जाती के नाम पर बांट रही पार्टी', सुरजेवाला का आरोप
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि बीते वर्षों में राज्य को कई आधारों पर बांटा गया है-जाट बनाम गैर-जाट, पंजाबी बनाम अग्रवाल, रविदासिया बनाम वाल्मीकि, सिख बनाम हिंदू और ब्राह्मणों एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बीच विभाजन पैदा करने के प्रयास किए गए।

कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मंगलवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मातृभूमि के प्रति सम्मान को दर्शाने वाले नारे ‘वंदे मातरम्’ को नफरत की भाषा में बदल दिया है।
राज्यसभा सदस्य सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि बीजेपी समुदायों को बार-बार एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा कर हरियाणा में विभाजनकारी राजनीतिक मॉडल अपना रही है।
उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में राज्य को कई आधारों पर बांटा गया है-जाट बनाम गैर-जाट, पंजाबी बनाम अग्रवाल, रविदासिया बनाम वाल्मीकि, सिख बनाम हिंदू और ब्राह्मणों एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बीच विभाजन पैदा करने के प्रयास किए गए।
सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि पार्टी ने मेवात में हिंदू-मुस्लिम के बीच विभाजन पैदा कर समुदायों का ध्रुवीकरण किया।
उन्होंने कहा कि नफरत का प्रसार इस हद तक हो गया है कि भगवान कृष्ण की शिक्षाओं से जुड़ी पवित्र भूमि माने जाने वाले कैथल-कपिस्थल में भी लोग अपशब्द बोल रहे हैं और अपने ही लोगों को बाहरी बता रहे हैं।
सुरजेवाला ने हरियाणा के लोगों, विशेषकर युवाओं और किसानों से पूछा कि कृषि के जरिए देश का पेट भरने वाले राज्य में ‘‘नफरत की फसल’’ बोने के लिए कौन जिम्मेदार है।
उन्होंने कहा कि अब चुप रहने का समय खत्म हो गया है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे विभाजनों से ऊपर उठें तथा ‘भगवद् गीता’ में बताए गए प्रेम, कर्तव्य और धर्म के संदेश का पालन करें।
सुरजेवाला ने कहा कि जब कानून अपराधियों के सामने असहाय नजर आने लगे तो हरियाणा के लोगों की सामूहिक अंतरात्मा और विवेक ही आखिरी उम्मीद रह जाती है।
पीटीआई के इनपुट के साथ
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