कर्नाटक चुनाव से पहले चरम पर पहुंची BJP की अंतर्कलह, येदियुरप्पा के बेटे ने विरोधियों को दी खुली चेतावनी

बीजेपी सूत्रों का कहना है कि कर्नाटक में पार्टी के भीतर सब ठीक नहीं है और अंदरूनी कलह जारी है। ऐसे समय जब पीएम मोदी और अमित शाह सहित केंद्रीय नेतृत्व राज्य की सत्ता में वापसी के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है, पार्टी के अंदर के नए घटनाक्रम ने चिंता बढ दी है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

कर्नाटक में चुनाव से पहले बीजेपी के भीतर की कलह रोज खुलकर सामने आ रही है। चुनाव पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी केंद्रीय संसदीय समिति के सदस्य बी.एस. येदियुरप्पा के नेतृत्व में लड़ने और अगली सरकार येदियुरप्पा की इच्छा के अनुसार बनने के बीजेपी आलाकमान के ऐलान के बाद अंदरूनी कलह और तेज हो गई है। पार्टी ने येदियुरप्पा को चुनाव की रणनीति बनाने के सभी मामलों में अपनी राय रखने का अधिकार भी दे दिया है। इसी के बाद से कर्नाटक बीजेपी में अंतर्कलह तेज हो गई है, येदियुरप्पा के कई विरोध असहज महसूस कर रहे हैं।

येदियुरप्पा के विरोधी माने जाने वाले आवास मंत्री वी. सोमन्ना ने मोर्चा खोलते हुए दिल्ली में डेरा डाल दिया है। इससे पहले उन्होंने राज्य में खुद को पार्टी मामलों से दूर कर लिया और बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा की उपस्थिति वाले एक प्रमुख कार्यक्रम तक में शामिल नहीं हुए। मंत्री सोमन्ना ने दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात कर अपनी व्यथा उनके सामने रखी है।


सूत्र बताते हैं कि सोमन्ना अपने क्षेत्र में येदियुरप्पा और उनके समर्थकों के हस्तक्षेप से नाराज थे। येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला करने वाले सोमन्ना के बेटे का ऑडियो भी वायरल हुआ है। इसके अलावा बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और विधायक सी.टी. रवि ने भी येदियुरप्पा की इस घोषणा पर आपत्ति जताई थी कि उनके बेटे विजयेंद्र शिकारीपुरा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे। रवि ने कहा कि विजयेंद्र के लिए टिकट आवंटन का मुद्दा पार्टी द्वारा तय किया जाएगा।

इन तमाम हचलचों के बीच विजयेंद्र ने इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ी है और उन लोगों को चेतावनी दी है जो उनके परिवार के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। बुधवार रात रानीबेन्नूर शहर में युवा मोर्चा के सम्मेलन में अपने भाषण में उन्होंने कहा कि येदियुरप्पा की आलोचना करने वालों को सावधान रहना चाहिए। अगर कोई येदियुरप्पा की खामोशी को उनकी कमजोरी समझता है तो उसे पछताना पड़ेगा। लोग आरोप लगाते हैं कि येदियुरप्पा 81 साल के हैं। इस उम्र में वह राज्य भर में दौरा कर रहे हैं और पार्टी के लिए प्रचार कर रहे हैं। क्या पार्टी में किसी में यह आश्वासन देने का साहस है कि वे राज्य में बीजेपी को सत्ता में लाएंगे? येदियुरप्पा का अपने बेटे को सीएम बनाने का सपना नहीं है।


इधर बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों का भी कहना है कि कर्नाटक में पार्टी के भीतर सब ठीक नहीं है और अंदरूनी कलह जारी है। ऐसे समय में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित केंद्रीय नेतृत्व राज्य में बीजेपी को वापस सत्ता में लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है, पार्टी के अंदर के नए घटनाक्रम ने चिंता बढ़ा दी है।

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