सांप्रदायिक हिंसा पर बिहार एनडीए में खिंची तलवार, केसी त्यागी की चेतावनी पर बीजेपी ने किया पलटवार

बिहार में लगातार हो रही सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं पर बिहार एनडीए में तलवार खिंचती नजर आ रही है। जेडीयू नेता केसी त्यागी की चेतावनी पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए उतावलापन नहीं दिखाने की सलाह दी है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नियाज़ आलम

भागलपुर के बाद औरंगाबाद में भड़की सांप्रदायिक हिंसा को लेकर राज्य सरकार विपक्ष के निशाने पर है। औरंगाबाद में हालात लगातार बिगड़ रहे हैं तो भागलपुर दंगा मामले के आरोपी और केन्द्रीय मंत्री के बेटे अर्जित शाश्वत चौबे की अब तक नहीं हुई गिरफ्तारी ने नीतीश कुमार के सुशासन पर सवाल खड़ा कर दिया है। नीतीश भी लगातार जनता से अपील कर रहे हैं कि सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने न दें। ऐसे में उनकी पार्टी जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने सूबे की कानून व्यवस्था को लेकर बड़ा बयान दिया है। त्यागी ने इशारों-इशारों में बीजेपी को चेतावनी भी दे डाली है। उन्होंने कहा है कि बीजेपी समेत घटक दल कोई ऐसा काम न करें, जिससे राज्य में एनडीए का घोषित एजेंडा प्रभावित हो। उन्होंने कहा कि अगर सूबे में कानून व्यवस्था बिगड़ती है तो एनडीए के साथ गठबंधन प्रभावित हो सकता है।

दूसरी तरफ, बीजेपी ने केसी त्यागी के बयान पर कड़ी टिप्पणी करते हुए इसे उतावलापन करार दिया है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय टाइगर ने कहा है कि अर्जित मामले में कानून अपना काम कर रहा है। टाइगर ने कहा, “कानून अपना रास्ता खुद तय करेगा, इसमें किसी के बयान का कोई मतलब नहीं है। किसी के बयान से कानूनी प्रक्रिया प्रभावित होने वाली नहीं है। लोगों को धैर्य रखना चाहिए। बहुत ज्यादा उतावलापन ठीक नहीं है। उन्होंने केसी त्यागी के बयान को छोटी-मोटी बात करार देते हुए कहा कि इससे गठबंधन पर फर्क पड़ने वाला नहीं है। साथ ही टाइगर ने त्यागी को उतावलापन नहीं दिखाने की नसीहत भी दे डाली है।

इस बीच बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी ने इसे जनता को दिग्भ्रमित करने वाला और कोरी जुमलेबाजी करार दिया है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सह विधायक भाई विरोंद्र ने कहा कि केसी त्यागी हों या प्रदेश के मुख्यमंत्री। सभी केवल जनता को दिग्भ्रमित करने के लिए जुमलेबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “औरंगाबाद में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। सैंकड़ों मुसलमानों की दुकानों में आग लगा दी गई है। दंगाइयों पर कार्रवाई करने की बजाय मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी के नेता जुमलेबाजी कर रहे हैं, लेकिन जनता अब इनके जाल में फंसने वाली नहीं है। अब इनका पर्दाफाश हो चुका है।” भाई विरेंद्र ने केन्द्रीय मंत्री अश्वनी चौबे और गिरिराज सिंह की तरफ इशारा करते हुए कहा कि कई बार यह साबित हो चुका है कि एनडीए में शामिल लोग और बीजेपी के मंत्री बिहार में आकर एक समुदाय विशेष के खिलाफ दंगा भड़काने का काम करते हैं। अर्जित शाश्वत के मामले पर भाई वीरेंद्र ने कहा कि जो दंगाई है, उसकी अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई है, क्योंकि वह केन्द्रीय मंत्री का बेटा है। उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार का लोगों से सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखनी की अपील महज दिखावा है। आज वह औरंगाबाद में दंगाइयों की गिरफ्तारी करवाने की बजाय हाथ पर हाथ रख कर क्यों बैठे हैं। आज यह साबित हो चुका है कि नीतीश कुमार दंगाइयों की गोद में जा कर बैठ गए हैं। आरजेडी प्रवक्ता ने आगे कहा कि नीतीश कुमार ने जानबूझ कर सांप्रदायिक दंगा फैलाने वालों की पार्टी के साथ गठबंधन किया है। यह लोग बिहार की शांति व्यवस्था को बर्बाद करना चाहते हैं।

दूसरी तरफ आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा कि केसी त्यागी के बयान का मतलब है कि वह यह मान रहे हैं कि उनके गठबंधन के जो सहयोगी हैं, उनकी वजह से बिहार में कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती खड़ी हो गई है। और गठबंधन के पार्टनर ही नीतीश कुमार की कानून व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं। तिवारी ने सवाल किया कि नीतीश कुमार बीजेपी के साथ गए ही क्यों थे? वह जानते थे कि यह बीजेपी अटल बिहारी वाली नहीं बल्कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह वाली है। 2014 के बाद से देश में जिस तरह का माहौल बना, वह सबके सामने है। फिर नीतीश कुमार सबकुछ जानकर क्यों गए। यह तो थूक कर चाटने वाली बात है। अगर एनडीए से गठबंधन टूटा तो क्या आरजेडी फिर से नीतीश कुमार के साथ जाएगा या चुनाव का रास्ता अपनाएगा। इस सवाल के जवाब में तिवारी ने कहा कि चुनाव ही एकमात्र विकल्प होगा। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जिस तरह से इधर से उधर जाने का ड्रामा करते रहे हैं, इससे सरकार का नैतिक बल समाप्त हो चुका है। उन्होंने कहा कि अगर नीतीश कुमार सरकार नहीं चला पा रहे हैं तो वह फिर से जनता के बीच जाकर मैंडेट हासिल करें।

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Published: 27 Mar 2018, 10:00 PM