भड़काऊ नारेबाजी केस में बीजेपी नेता को एक दिन में मिली जमानत, दिल्ली कोर्ट ने अश्विनी उपाध्याय को दी बड़ी राहत

इससे पहले मंगलवार को दिल्ली की कोर्ट ने समुदाय विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक नारेबाजी के मामले में गिरफ्तार दो आरोपियों को एक दिन की पुलिस रिमांड पर और बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय सहित चार आरोपियों को दो दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया था।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर 8 अगस्त को आयोजित एक कार्यक्रम में धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ नारेबाजी के मामले में गिरफ्तार किये गए बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय को दिल्ली की कोर्ट ने एक दिन में जमानत दे दी है। इससे पहले दिन में अधिवक्ता और बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय की जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। बाद में देर शाम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए उपाध्याय को जमानत दे दिया।

इससे पहले मंगलवार को दिल्ली की कोर्ट ने रविवार को जंतर-मंतर पर आयोजित कांर्यक्रम में समुदाय विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक नारेबाजी के मामले में गिरफ्तार दो आरोपियों को एक दिन की पुलिस रिमांड पर और अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय सहित चार आरोपियों को 2 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया था। साथ ही कोर्ट ने उपाध्याय की जमानत पर सुनवाई बुधवार को तय करते हुए जांच अधिकारी को अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया था।


दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार कर पटियाला हाउस कोर्ट की मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट तानवी खुराना के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया था। इस दौरान जांच अधिकारी और सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि इन सभी आरोपियों ने जंतर-मंतर पर भारी भीड़ के दौरान एक समुदाय विशेष के खिलाफ काफी आपत्तिजनक नारेबाजी की, जिस कारण यह मामला अत्यंत संवेदनशील है।

दिल्ली पुलिस ने अदालत से आरोपी दीपक सिंह और विनीत बाजपेयी को 3 दिन के पुलिस रिमांड पर देने का आग्रह करते हुए बताया कि आरोपियों से पूछताछ के दौरान आपत्तिजनक नारेबाजी के मामले में लिप्त अन्य आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करना है। सरकारी वकील ने यह भी बताया कि वर्तमान में संसद चल रही है और स्वतंत्रता दिवस करीब है। इसके अलावा महामारी के चलते किसी को भी प्रदर्शन की इजाजत नहीं है। इसके बावजूद ये लोग वहां एकत्रित हुए और समुदाय विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक भाषण देकर माहौल खराब करने का प्रयास किया।


हालांकि, बचाव पक्ष ने रिमांड का विरोध करते हुए कहा कि आरोपियों को फर्जी मामले में फंसाया गया है। अदालत ने उनके तर्क को खारिज करते हुए कहा कि आरोपियों से कुछ बरामद नहीं करना है लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए पूछताछ के लिए एक दिन का रिमांड काफी है। अदालत में पेशी के दौरान बीजेपी नेता कपिल मिश्रा सहित काफी लोग अदालत परिसर में पहुंच गए थे, जिससे वहां कुछ देर के लिए हंगामे की स्थिति पैदा हो गई थी।

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