कोरोना समेत कई मुद्दों को लेकर बैकफूट पर BJP! यूपी में चुनाव से पहले कार्यकर्ताओं के मनमुटाव को दूर करने में जुटी

बीजेपी ने अब कोरोना की दूसरी लहर या अन्य कारणों से अपने नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने में जुट गई है।नौकरशाही से लेकर तमाम ऐसे छोटे-छोटे कार्य हैं जिनके लिए कार्यकर्ताओं को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा है। इसी को देखते हुए पार्टी अपने वरिष्ठ नेताओं को भी इस काम में लगाएगी।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

बीजेपी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियों में तेजी से जुट गयी है। मातृ संगठन आरएसएस के सुझावों के बाद बीजेपी अपने कार्यकर्ताओं के मनमुटाव को दूर करने कवायद में जुटी है। मुख्यमंत्री योगी का केशव के घर पर भोज के लिए जाना पार्टी की ओर से साफ संदेश है कि जनता के बीच 2022 में एकता का मैसेज जाए। कोरोना की दूसरी लहर या अन्य कारणों से नाराज कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने का खाका तैयार किया जा रहा है। नौकरशाही से लेकर तमाम ऐसे छोटे-छोटे कार्य हैं जिनके लिए कार्यकर्ताओं को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा है। इसी को देखते हुए पार्टी अपने वरिष्ठ नेताओं को भी इस काम में लगाएगी।

बीजेपी एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि शुरूआती जून में जब केन्द्रीय संगठन मंत्री आए थे, इसके बाद से ही सांसदों और विधायकों से कहा गया था कि वो अपने 100 ऐसे कार्यकर्ताओं की सूची बनाएं जो किसी कारण से नाराज हैं, उन्हें मनाएं। उनकी समस्या को सुनें और हो सकता है तो तुरंत निदान भी कर दें। इसी कारण निगम आयोग और मोर्चों में भी कुछ लोगों का समायोजन किया गया है। संघ और पार्टी के वारिष्ठ पदाधिकारियों का साफ निर्देश है कि अब कमियां गिनाने का समय नहीं बचा है। यूपी में दोबारा पार्टी को भारी बहुत से जीताने के लिए सभी का साथ होना जरूरी है। इसी कारण पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेई, रमापतिराम त्रिपाठी, विनय कटियार जैसे नेताओं का भी अनुभव पार्टी लेना चाहती है। उन्हें बैठक में बुलाया गया उनके विचारों को सुना गया।


बीजेपी के जानकार प्रसून पांडेय कहते हैं, '' बीजेपी अब 2022 को विधानसभा चुनाव को लेकर अभी संजीदा है। कोरोना की दूसरी लहर में कार्यकर्ताओं के घर से कोई न कोई साथ छोड़ गया है। उसके पीछे अव्यवस्था ही मान रहे है। जिसे लेकर उनके अंदर कुछ नाराजगी है। यहां तक कुछ कार्यकर्ताओं के चार सालों नौकरशाही के हावी होने के कारण काम भी नहीं हो सके है, उस बात की भी नाराजगी है। चुनाव से ठीक पहले बीजेपी अपने कार्यकर्ताओं को साधने का प्रयास कर रही है। कार्यकर्ताओं के अनुभव और उनके समीकरण के साहरे ही भाजपा को अपने मिशन में कामयाबी मिलेगी।''

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