बीजेपी राजस्थान ने पार्टी छोड़ चुके यशवंत सिन्हा को बताया अपना वरिष्ठ नेता, पीएम मोदी के कड़े आलोचक हैं सिन्हा

यशवंत सिन्हा ने इसी साल 21 अप्रैल को पार्टी को छोड़ दी थी। लेकिन बीजेपी राजस्थान उन्हें अभी भी पार्टी के वरिष्ठ नेता के रूप में संबोधित कर रही है।

फोटो: सोशल मीडिया 
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विनय कुमार

बीजेपी के पूर्व नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा पार्टी काफी पहले अलविदा कह चुके हैं, लेकिन शायद पार्टी उनको अब तक भुला नहीं पाई है। मजेदार बात यह है कि बीजेपी राजस्थान ने उनके जन्मदिन पर शुभकामना देते ट्वीट किया, “बीजेपी के वरिष्ठ नेता, पूर्व केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री यशवंत सिन्हा जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। ईश्वर आपको स्वस्थ एवं दीर्घायु रखें।”

यशवंत सिन्हा ने इसी साल 21 अप्रैल को पार्टी को छोड़ दी थी। लेकिन बीजेपी राजस्थान उन्हें अभी भी पार्टी के वरिष्ठ नेता के रूप में संबोधित कर रही है। उन्होंने बीजेपी में रहते हुए ही बीजेपी से अलग राष्ट्र मंच नाम का एक मोर्चा भी बनाया था।

यशवंत सिन्हा ने सिर्फ पार्टी ही नहीं छोड़ी थी, बल्कि पिछले कुछ महीनों से वे लगातार मोदी सरकार की नीतियों की जबरदस्त आलोचना करते रहे हैं। उन्होंने कहा था कि आज देश में लोकतंत्र खतरे में है और अगर हम नहीं चेते तो देश को बहुत नुकसान होने वाला है। यशवंत सिन्हा पार्टी छोड़ने से पहले भी बीजेपी और पीएम मोदी की नीतियों को लेकर अक्सर सवाल उठाते रहे हैं। हाल के दिनों में वे पीएम मोदी पर राफेल सौदे को लेकर हमलावर हैं। उन्होंने अरुण शौरी और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के साथ मिलकर राफेल सौदे में हुए कथित घोटाले को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ अभियान चला रखा है। राफेल सौदे को लेकर उन्होंने कहा था, “राफेल के बारे नें जनता जवाब जानना चाहती है, पब्लिक जानना चाहती है कि एचएएल को डील से हटाकर एक नई कम्पनी को काम दे दिया जो जहाज तो दूर मोटरसाइकिल भी बनाना नहीं जानती हैं।”

इसके अलावा राफेल सौदे पर बीजेपी के नेता यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दाखिल की है। याचिका में राफेल सौदे की जांच की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि सीबीआई ने 4 अक्टूबर को दी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की है। साथ ही याचिका में दावा किया गया है कि सीबीआई पर दबाव चरम पर है जिसके कारण वह निष्पक्ष तरीके से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में असमर्थ है।

लगभग 2 साल पहले 8 नवंबर को पीएम मोदी की नोटबंदी की घोषणा ने पल भर में देश के करोड़ों लोगों की जिंदगी में आफत ला दी थी। इस घोषणा को लेकर भी यशवंत सिन्हा बीजेपी और पीएम मोदी के खिलाफ आवाज उठा चुके हैं। लेकिन लगता है कि बीजेपी राजस्थान राज्य में होने वाले चुनाव प्रचार के जोश में यह भूल चुकी है कि बागी यशवंत सिन्हा अब पार्टी में नहीं है। अगर उन्हें इस बात का अंदाजा होता तो शायद बीजेपी राजस्थान उन्हें बीजेपी के वरिष्ठ नेता बताने की जहमत नहीं उठाती।

बता दें कि राजस्थान में 7 दिसंबर को विधानसभा चुनाव होंगे और 11 दिसंबर को चुनाव के नतीजे आएंगे।

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