बिहार चुनाव से पहले बीजेपी को आई मंदिरों की याद, दर्शन के बहाने मंदिर राजनीति में जुटे नेता

इस बार बिहार दौरे पर पहुंचे बीजेपी नेता भूपेंद्र यादव के मंदिर-मंदिर जाने के पीछे की वजह जहां कुछ पार्टी नेता श्रद्धा बताते हैं तो वहीं कई का कहना है कि श्रद्धा के साथ जनसंपर्क की रणनीति भी इसमें छिपी है। विपक्षी गलियारे में इसे बीजेपी की मंदिर राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है।

फोटोः @byadavbjp
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देश पर छाए कोरोना संकट के बीच आगामी बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जोर-शोर से जुटी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) एक्शन मोड में आ गई है। बिहार में चुनावी तैयारियों का जायजा लेने दिल्ली से दस दिवसीय अहम दौरे पर पटना पहुंचे बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और राज्य प्रभारी भूपेंद्र यादव हर दिन यहां के मंदिरों का दौरा कर रहे हैं।

बीजेपी राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव ने जहां बुधवार को पटना के प्रसिद्ध पाटन देवी मंदिर में दर्शन किया, वहीं दूसरे दिन गुरुवार को पटना के ही निमार्णाधीन इस्कॉन मंदिर पहुंच गए। बताया जा रहा है कि आगे भी वह अन्य कई मंदिरों में जाएंगे। मंदिरों पर दर्शन-पूजन के दौरान वह लोगों से बातचीत भी कर रहे हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि चुनावी तैयारियों की समीक्षा और सीटों के बंटवारे पर नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए भूपेंद्र यादव दस जुलाई तक बिहार में रहेंगे। इस दौरान वह कई और प्रसिद्ध धर्मस्थलों का दौरा कर सकते हैं।

बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा, "पिछले दो दिनों से लगातार पटना में हूं। कल एक जुलाई को पटना के प्रसिद्ध पाटन देवी मंदिर में जाने का सुअवसर मिला। ऐसा माना जाता है कि देश के 52 शक्ति पीठों में से पाटन देवी स्थल भी एक प्रमुख है। इस क्रम में आज पटना के निमार्णाधीन इस्कॉन मंदिर में भी जाना हुआ।"

बीजेपी नेता के इस बार बिहार दौरे पर मंदिर-मंदिर जाने के पीछे की वजह जहां कुछ पार्टी नेता उनकी श्रद्धा बताते हैं तो वहीं कुछ नेताओं का कहना है कि श्रद्धा के साथ ही जनसंपर्क की रणनीति भी इसमें छिपी है। उधर, विपक्षी गलियारे में इसे बीजेपी की मंदिर राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है।

दरअसल बिहार बीजेपी प्रभारी भूपेंद्र यादव लंबे समय से बिहार आते रहे हैं, लेकिन कभी इस तरह से उन्होंने मंदिरों का दौरा नहीं किया। अब चुनाव से ठीक पहले उनके मंदिर दौरों को लेकर सवाल तो उठने ही हैं। हालांकि, इस मसले पर बिहार बीजेपी के प्रवक्ता राजीव रंजन कहते हैं, "विपक्षी नेताओं के पास कोई मुद्दा ही नहीं है। विपक्षी नेता, बीजेपी की जनहितैषी राजनीति से भयभीत हैं। आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में विपक्ष का अस्तित्व भी खतरे में होगा।"

बता दें कि बिहार में कुल 243 विधानसभा सीटों पर नवंबर में चुनाव संभावित हैं। चुनाव आयोग ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं। एनडीए के घटक दलों के बीच फिलहाल सीट बंटवारे की तैयारियां चल रहीं है। बिहार में बीजेपी, जेडीयू और लोक जनशक्ति पार्टी के नेताओं की निगाहें सीटों के बंटवारे पर टिकी हैं। बिहार प्रभारी होने के नाते भूपेंद्र यादव की सीट शेयरिंग तय करने में अहम भूमिका बताई जा रही है और इसी सिलसिले में वह अभी बिहार में डेरा डाले हुए हैं।

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