चंडीगढ़ में इंडिया गठबंधन से पहले मुकाबले में ही BJP के पैंतरे, अचानक नगर निगम चुनाव टला, पवन बंसल ने उठाया सवाल

चुनाव अचानक टाल देने के बाद इंडिया गठबंधन इसे लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट चला गया और आज ही चुनाव करवाने की मांग की। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान नगर निगम ने 6 फरवरी चुनाव करवाने की बात कही है, जिसका नोटीफिकेशन डीसी ने जारी कर दिया है।

चंडीगढ़ नगर निगम के बाहर रोके गए पवन बंसल बीजेपी की साजिश की जानकारी देते हुए
चंडीगढ़ नगर निगम के बाहर रोके गए पवन बंसल बीजेपी की साजिश की जानकारी देते हुए
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धीरेंद्र अवस्थी

केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के इतिहास में वह सब कुछ हुआ, जो नगर निगम बनने के बाद कभी नहीं हुआ। वजह बना भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ बना इंडिया गठबंधन। देश में पहली बार कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच समझौता होने के बाद चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर चुनाव में आज बीजेपी का पहली बार इंडिया गठबंधन से मुकाबला होने जा रहा था। इंडिया गठबंधन का यह पहला टेस्‍ट था। पहले टेस्‍ट में ही यह साफ हो गया कि यह गठबंधन देश में बीजेपी के लिए कितनी बड़ी चुनौती बनने जा रहा है। कांग्रेस और आप को मिलाकर बने बहुमत से यह साफ था कि चंडीगढ़ में नगर निगम की सत्‍ता बीजेपी इंडिया गठबंधन के सामने गंवाने जा रही है। लिहाजा, मतदान से ठीक पहले चुनाव अधिकारी के खराब स्‍वास्‍थ्‍य का हवाला देकर चुनाव ही स्‍थगित कर दिया गया। पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल ने इसे लोकतंत्र की हत्‍या के साथ ही बीजेपी की ऑपरेशन लोटस की कोशिश करार दिया है।

चंडीगढ़ के केंद्र शासित प्रदेश होने के नाते इसकी कमान केंद्र के हाथ में है। इसका मतलब अप्रत्‍यक्ष तौर पर इसका शासन बीजेपी के हाथों में है। चंडीगढ़ नगर निगम ही एक तरह से यहां की विधानसभा है। पिछले 8 वर्ष से बीजेपी का मेयर यहां है। 18 जनवरी नगर निगम का मेयर चुनने के लिए तारीख मुकर्रर थी। यह पहली बार है कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच समझौता होने के बाद इंडिया गठबंधन का सीधा मुकाबला बीजेपी से यहां हो रहा है। 35 सदस्‍यीय नगर निगम में 14 पार्षद बीजेपी के हैं। सांसद भी बीजेपी का होने के चलते नगर निगम में उसके 15 वोट बनते हैं।

वहीं, इंडिया गठबंधन के पास आप के 13 और 7 पार्षद कांग्रेस के मिलाकर 20 वोट हैं। मतलब साफ है कि बहुमत इंडिया गठबंधन के पास है। बीजेपी की यही बेचैनी है। आप का एक पार्षद उसने तोड़ कर बीजेपी में शामिल कर लिया था, जिसके जवाब में आप ने भी बीजेपी का एक पार्षद तोड़ लिया। विपक्ष की रणनीति साफ थी। बीजेपी को उसी की भाषा में जवाब देने की तैयारी थी। कांग्रेस की कमान पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल के हाथ में थी तो आम आदमी पार्टी की तरफ से राघव चड्ढा चंडीगढ़ में डेरा जमाए हुए थे।


ऐसे में बीजेपी को पता था कि उसे उसी की भाषा में जवाब मिलने वाला है। गुरुवार सुबह 10 बजे ही चंडीगढ़ नगर निगम के बाहर कांग्रेस और आप के कार्यकर्ता पहुंचने लगे थे। नगर निगम के बाहर सुरक्षा के बंदोबस्‍त देखकर ही यह अंदाजा लग रहा था कि भाजपा के लिए यह चुनाव जीन मरने का सवाल है। चंडीगढ़ पुलिस के साथ ही केंद्रीय सुरक्षा बलों को भी तैनात किया गया था। भारी बेरीकेडिंग थी। नगर निगम को जाने वाले रास्‍तों को पुलिस ने बंद कर दिया था। दंगारोधी वाहनों को भी तैनात किया गया था। धारा 144 लगा दी गई थी।

तकरीबन साढ़े दस बजे वोटिंग के लिए कांग्रेस और आप के पार्षद भी वहां पहुंच गए थे, लेकिन पुलिस ने इन्‍हें नगर निगम के अंदर नहीं जाने दिया। मतदान आरंभ होने के महज 25 मिनट पहले पार्षदों को वॉट्सऐप के जरिए मैसेज भेजा गया, जिसमें चुनाव अधिकारी अनिल मसीह के बीमार होने की बात कही गई। इसी के आधार पर चुनाव टाल दिए गए। अचानक चुनाव रद्द होने की सूचना पर आप और कांग्रेस पार्षदों ने हंगामा कर दिया। वहां नारेबाजी होने लगी। पुलिस के साथ धक्कामुक्की की स्थिति भी बनी। आप और कांग्रेस के 4 दर्जन से अधिक कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में भी ले लिया। मौके पर पहुंचे कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल और आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्‌ढा को भी पुलिस ने नगर निगम के अंदर नहीं जाने दिया।

मेयर का चुनाव रोके जाने के पीछे बीजेपी की मंशा की तस्‍दीक नगर निगम के बाहर बीजेपी नेताओं के बयानों से हो रही थी। वह बड़े विश्‍वास से कह रहे थे कि उनके पास नगर निगम में बहुमत है। मेयर तो बीजेपी का ही बनेगा। बीजेपी नेताओें का यह विश्‍वास ही ऑपरेशन लोटस के शक को पुख्‍ता कर रहा था। बीजेपी के लोग खुलेआम इस बात को कह रहे थे कि कांग्रेस और आप अपने पार्षदों को खुला छोड़ दे तो देख लेना उनमें से अधिकतर बीजेपी में होंगे। नगर निगम में दल-बदल कानून लागू न होने के चलते बीजेपी को मानो पूरी छूट मिली हुई है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल ने इसे बीजेपी की ओर से लोकतंत्र का गला घोंटने की कोशिश करार दिया। उन्‍होंने कहा कि बीजेपी ऑपरेशन लोटस की कोशिश कर रही है। जब से कॉर्पोरेशन बनी है तब से आज तक चंडीगढ़ में ऐसा कभी नहीं हुआ है। मौके पर ही चुनाव अधिकारियों को साजिश के तहत बीमार कर दिया गया है। आज तक ऐसा नहीं हुआ है। पवन बंसल ने कहा कि वह इसके खिलाफ पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट जाएंगे।


चंडीगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष एचएस लक्‍की ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव स्थगित कर दिया, क्योंकि उसका 'ऑपरेशन लोटस' विफल हो गया। राज्यसभा सांसद राघव चड्‌ढा ने कहा कि बीजेपी यह चुनाव रद्द करना चाहती है, क्योंकि उसके पास बहुमत नहीं है। इंडिया गठबंधन का यह पहला चुनाव था। इस चुनाव को वह जीतने जा रहा था, लेकिन बीजेपी गैर कानूनी हथकंडे अपना कर चुनाव को रद्द करवाना चाहती है। इसीलिए चुनाव अधिकारी को बीमार घोषित कर दिया है।

चुनाव अचानक टाल देने के बाद इंडिया गठबंधन इसे लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट चला गया और आज ही चुनाव करवाने की मांग की। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान नगर निगम ने 6 फरवरी चुनाव करवाने की बात कही है, जिसका नोटीफिकेशन डीसी ने जारी कर दिया है। हालांकि, इससे पहले 23 जनवरी को हाईकोर्ट में फिर सुनवाई होगी।

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