प्रजातंत्र का चीर हरण कर सत्ता की भूख मिटाना चाहती है BJP, एमपी में लोकतंत्र की कब्र खोदने की साजिश: कांग्रेस

कांग्रेस नेता के अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि बीजेपी राज्य सरकारों को अस्थिर कर रही है, उसने लोकतंत्र की कब्र खोदने की साजिश रची है। कांग्रेस सरकार द्वारा मध्य प्रदेश में की गई किसान कर्जमाफी भी बीजेपी को हजम नहीं हुई।

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नवजीवन डेस्क

मध्य प्रदेश में ‘ऑपरेशन कमल’ की कांग्रेस पार्टी ने कड़ी आलोचना की है। कांग्रेस ने कहा, “आयाराम, गयाराम’ ही अब मध्यप्रदेश में बीजेपी का एकमात्र रास्ता है। मध्य प्रदेश कांग्रेस की सरकार पूर्ण बहुमत में है, पर करोड़ों रूपये की बोली लगा विधायकों का ईमान खरीदने का षड्यंत्र किया जा रहा है। बीजेपी जान लें कि वह अपने कुत्सित मनसूबों में कभी कामयाब नहीं होने वाली।” गुरुवार को संसद परिसर में गुलाम नबी, अधीर रंजन चौधरी और रणदीप सिंह सुरजेवाला प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

कांग्रेस ने कहा, “सरकार को हटाने के इस षड्यंत्र में मध्य प्रदेश में वो माफिया सरगना शामिल हैं, जिनके पंख कांग्रेस सरकार ने काट दिए और उनकी गैरकानूनी गतिविधियों पर शिकंजा कस दिया। कांग्रेस सरकार ने 11 क्षेत्रों को चिन्हित कर संगठित माफिया और अपराध पर हमला बोला है, जिनमें भू माफिया, सहकारी माफिया, चिटफंड माफिया, माईनिंग माफिया, एक्सटॉर्शन माफिया पर कड़ी कार्रवाई की गई है। व्यापम घोटाले के आरोपियों पर शिकंजा कसा जा रहा है, टेंडर स्कैम और चिटफंड स्कैम के कागज खुल रहे हैं और बीजेपी नेता बौखला गए हैं। कांग्रेस सरकार द्वारा मध्य प्रदेश में की गई किसान कर्जमाफी भी बीजेपी को हजम नहीं हुई। पहले चरण में अब तक 20 लाख किसानों का लगभग 9 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया जा चुका है। दूसरे चरण में पुनः 11 लाख किसान चिन्हित किए गए हैं, जिन्हें कर्जमाफी दी जाएगी।”


कांग्रेस ने आगे कहा, “मध्य प्रदेश के 87 प्रतिशत लोगों को इंदिरा गृह ज्योति योजना के तहत 1 रुपये यूनिट की दर से सौ यूनिट तक बिजली दी जा रही है, जिससे प्रदेश के नागरिकों का बिजली का बिल 70 प्रतिशत कम हो गया है। मध्य प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश आ रहा है। बीते एक साल में लगभग 35 हजार करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है और लगभग 70 हजार करोड़ रुपये के लिए निवेशकों ने स्थान चिन्हित किया है।”

बीजेपी पर निशाना साधा हुए कांग्रेस ने कहा, “बीजेपी को इस बात का साफ आभास हो गया है कि मध्य प्रदेश में उनका जनाधार समाप्त हो गया है। जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण यह है कि हाल ही में हुए झाबुआ विधानसभा के उपचुनाव में बीजेपी 27 हजार से अधिक वोटों से परास्त हुई है। निराशा के गर्त में डूबी बीजेपी को यह साफ दिखाई दे रहा है कि आने वाले दो विधानसभा उपचुनावों में, जोरा और आगर में उनकी हार सामने खड़ी है। इसीलिए वो सरकार गिराने की राजनीति पर उतर आए हैं।”


कांग्रेस ने आगे कहा, “वर्तमान में कांग्रेस के 114 विधायक हैं, और 1 निर्दलीय प्रदीप जैसवाल मंत्री हैं। अर्थात 115 बहुमत का आंकड़ा है, जो कांग्रेस के पास है। 2 बहुजन समाज पार्टी के विधायक, रामाबाई परिहार और संजीव कुशवाह ने आज भी कांग्रेस के समर्थन की अपनी बात दोहराई है। समाजवादी पार्टी के राधे शुक्ला ने भी अपनी आस्था सरकार में व्यक्त की है। केदार डावर और विक्रम सिंह राणा निर्दलीय विधायक भी कांग्रेस के साथ हैं।”

कांग्रेस ने कहा, “कल बीजेपी ने षड्यंत्र करके कुछ विधायकों को मानेसर, हरियाणा के एक होटल में बंधक बनाया, पर वो स्वेच्छा से कांग्रेस के समर्थन में वापस आ खड़े हुए। ऐसी भी सूचना है कि दिल्ली से बीजेपी के नेता चार विधायकों को जबरदस्ती बैंगलोर ले गए हैं, जिनमें तीन कांग्रेस के और एक निर्दलीय हैं। बीजेपी का यह घिनौना षड्यंत्र कांग्रेस के नहीं, लेकिन मध्य प्रदेश के खिलाफ है। जिसका संपूर्ण जवाब प्रदेश की जनता आने वाले उपचुनाव में देगी।”


गुलाम नबी ने कहा कि मध्य प्रदेश में सरकार गिराने की कोशिशें नयी नहीं हैं, हम इसकी निंदा करते हैं, इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे। राज्य सरकारों को अस्थिर करने का ‘बुखार’ तब चढ़ा है जब राज्यसभा के चुनाव होने हैं।

कांग्रेस नेता के अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि बीजेपी राज्य सरकारों को अस्थिर कर रही है, उसने लोकतंत्र की कब्र खोदने की साजिश रची है। रणदीप सिंह सुरजेवाला बोले कि भाजपा ने मध्य प्रदेश के 14 विधायकों को ‘अगवा किया है।

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