मणिपुर में BJP की 'डबल इंजन' की सरकार विफल, राष्ट्रपति शासन की दरकार: सर्वे
भारत की प्रमुख चुनाव एजेंसी सीवोटर द्वारा किए गए एक विशेष सर्वेक्षण से पता चला है कि अधिकांश भारतीयों की राय है कि एनडीए की "डबल इंजन" सरकार मणिपुर में विफल हो गई है।
![देश के कई हिस्सों में मणिपुर में शांति बहाली की प्रार्थनाएं हो रही हैं (फोटो : Getty Images)](https://media.assettype.com/navjivanindia%2F2023-07%2Feaeb0db1-b04e-49b5-adc8-28cf5ea624d7%2FGettyImages_1535664554.jpg?rect=0%2C0%2C1024%2C576&auto=format%2Ccompress&fmt=webp)
भारत की प्रमुख चुनाव एजेंसी सीवोटर द्वारा किए गए एक विशेष सर्वेक्षण से पता चला है कि अधिकांश भारतीयों की राय है कि एनडीए की "डबल इंजन" सरकार मणिपुर में विफल हो गई है। गौरतलब है कि ज्यादातर लोगों की राय है कि मई की शुरुआत से राज्य में फैली हिंसा को रोकने के लिए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की जरूरत है।
सीवोटर सर्वे के दौरान पूछा गया सवाल था : क्या आपको लगता है कि मणिपुर में हिंसा राज्य में बीजेपी की डबल इंजन सरकार की पूरी विफलता को दर्शाती है? कुल मिलाकर, लगभग 57 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने सकारात्मक उत्तर दिया, जबकि लगभग 30 प्रतिशत ने असहमति जताई।
गौरतलब है कि एनडीए का समर्थन करने वाले उत्तरदाताओं में से भी एक बड़ा हिस्सा कहता है कि डबल इंजन सरकार विफल रही है। 58 प्रतिशत लोग यह भी मानते हैं कि भाजपा और केंद्र सरकार राजनीतिक कारणों से मणिपुर में हिंसा रोकने में विफल हो रही है।
गौरतलब है कि करीब 62 फीसदी उत्तरदाता चाहते हैं कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए। एनडीए समर्थकों का बड़ा बहुमत (54 प्रतिशत) चाहता है कि राष्ट्रपति शासन लगाया जाए, जबकि एक तिहाई से भी कम लोग इस तर्क से सहमत नहीं हैं।
पूर्वोत्तर राज्य 3 मई से अनियंत्रित हिंसा की चपेट में है। जब मणिपुर उच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि स्वदेशी मैतेई जनजाति को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया जाए तो कुकी जनजाति के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पर रोक लगा दी और मणिपुर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को फटकार लगाई। कुकी समुदाय के सदस्यों का विरोध जल्द ही भयानक हिंसा में बदल गया, क्योंकि दोनों समुदायों के उग्रवादी वर्गों ने एक-दूसरे पर हमले शुरू कर दिए, पुलिस चौकियों और शस्त्रागारों पर हमला किया और हथियार लूट लिए।
इससे भी बुरी बात यह है कि महिलाओं पर बेरहमी से हमला किया गया और उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया, जिससे देशभर में आक्रोश और गुस्सा फैल गया।
सुप्रीम कोर्ट ने यौन उत्पीड़न के मामलों पर स्वत: संज्ञान लिया है। इस मुद्दे पर हंगामे के कारण संसद का मानसून सत्र बाधित हो गया है। मणिपुर हिंसा में अब तक 115 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और 600 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं। घरों में आग लगाए जाने के कारण सैकड़ों लोग बेघर हो चुके हैं।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia