BJP का 'बहुत हुआ नारी पर वार' वाला खोखला विज्ञापन, 10 साल बाद घोर दोगलापन दर्शाता है: खड़गे
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने बेटी बचाओ नारे के दस साल पर पीएम मोदी से पूछा कि बेटी बचाओ की जगह अपराधी बचाओ की नीति बीजेपी ने क्यों अपनाई? मणिपुर की महिलाओं को न्याय कब मिलेगा? हाथरस से उन्नाव और महिला पहलवानों तक BJP ने हमेशा अपराधियों को संरक्षण क्यों दिया?

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बेटी बचाओ नारे के दस साल पूरे होने का जश्न मना रही मोदी सरकार को महिलाओं के खिलाफ लगातार जारी अपराधों पर घेरा है। उन्होंने पीएम मोदी से तीन सवालों के जवाब मांगते हुए कहा कि बीजेपी का "बहुत हुआ नारी पर वार" वाला खोखला विज्ञापन, 10 साल बाद उसका घोर दोगलापन दर्शाता है।
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा, बेटी बचाओ के दस साल, मोदी जी से हमारे तीन सवाल-
बेटी बचाओ" की जगह "अपराधी बचाओ" की नीति बीजेपी ने क्यों अपनाई? मणिपुर की महिलाओं को न्याय कब मिलेगा? हाथरस की दलित बेटी हो या उन्नाव की बेटी, या फ़िर हमारी चैंपियन महिला पहलवान, बीजेपी ने हमेशा अपराधियों को संरक्षण क्यों दिया?
क्यों देश में हर घंटे महिलाओं के ख़िलाफ़ 43 अपराध रिकॉर्ड होते हैं? हर दिन 22 अपराध ऐसे हैं जो हमारे देश के सबसे कमज़ोर दलित-आदिवासी वर्ग की महिलाओं व बच्चों के ख़िलाफ़ दर्ज होते हैं। मोदी जी लाल क़िले के भाषणों में कई बार महिला सुरक्षा पर बोल चुके हैं, पर कथनी और करनी में फ़र्क क्यों?
क्या कारण है कि 2019 तक "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" योजना के लिए आवंटित कुल धनराशि का क़रीब 80% केवल मीडिया-विज्ञापन में ख़र्च हुआ?
खड़गे ने कहा कि जब संसदीय स्थायी समिति ने ये तथ्य उजागर किया, तब इस योजना में इस्तेमाल किये गए फंड में 2018-19 से 2022-23 के बीच 63% की भारी कटौती की गई, और बाद में इसको "मिशन शक्ति" के अंतर्गत "संबल" नामक स्कीम में मर्ज कर के, "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" योजना पर खर्च किये आँकड़े ही मोदी सरकार ने देने बंद कर दिए।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि "संबल" के 2023-24 के आवंटित फंड और उपयोग किये गए फंड में भी 30% की कटौती हुई है। ये आँकड़ों की हेराफ़ेरी क्या छिपाने के लिए की गई? पिछले 11 वर्षों में मोदी सरकार ने महिला एवं बल विकास मंत्रालय पर ख़र्च हुआ बजट, पूरे बजट के खर्च की तुलना में आधा क्यों कर दिया?
खड़गे ने कहा कि क्या हर ट्रक के पीछे "बेटी बचाओ" चिपकाने या फ़िर हर दीवार पर ये पेंट करवा देने से महिलाओं के खिलाफ अपराध, उनके लिए रोज़गार के अवसर, उनको अच्छी स्वास्थ्य सुविधा या महिलाओं को अत्याचार के बाद न्याय मिलेगा? उन्होंने कहा कि बीजेपी का "बहुत हुआ नारी पर वार" वाला खोखला विज्ञापन, 10 साल बाद उसका घोर दोगलापन दर्शाता है!
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