नूंह हिंसा के बाद मुस्लिम व्यापारियों का बॉयकॉट! जानें किन जिलों में और किसने की ये अपील?

हरियाणा के महेंद्रगढ़, रेवाड़ी और झज्जर में सरपंचों ने मुस्लिम व्यापारियों की इलाके में एंट्री पर रोक की मांग की है। इन सरपंचों ने ऑनलाइन पत्र लिखकर एक मुहिम शुरू की है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा के बाद राज्य सरकार और प्रशासन यह दावा कर रहे हैं कि फिलहाल माहौल शांत है। इस बीच भले ही कोई हिंसा नहीं हुई हो लेकिन जमीनी स्तर पर माहौल तनावर्पूण है। इसके सबूत हाल में हुए वह महापंचायतें हैं, जिनमें मुस्लिम समुदाय के खिलाफ फैसले लिए जाने की बात कही जा रही है। हरियाणा के महेंद्रगढ़, रेवाड़ी और झज्जर में सरपंचों ने मुस्लिम व्यापारियों की इलाके में एंट्री पर रोक की मांग की है। इन सरपंचों ने ऑनलाइन पत्र लिखकर एक मुहिम शुरू की है।

नूंह हिंसा का हवाला देते हुए कुछ सरपंचों ने मुस्लिम व्यापारियों की अपने इलाकों एंट्री पर रोक की मांग की है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि एक विशेष समुदाय के लोग चोरी की घटनाओं को अंजाम देते हैं, ऐसे में उन पर रोक लगनी चाहिए। वहीं, पड़ैयावास के सरपंच विजेंदर सिंह ने कहा कि पत्र लिखा गया था, लेकिन वो तब दिया गया जब हिंसा शुरू हुई थी। अब उन्होंने कहा है कि मुस्लिम समुदाय से उन्हें कोई दिक्कत नहीं है और पत्र भी वापस ले लिया गया है।


उधर, इस खबर के सामने आने के बाद रेवाड़ी में जिलाधिकारी ने इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। प्रशासन यह जानने की कोशिश कर रहा है कि किन लोगों की तरफ से ऐसी अपील की गई है। प्रशासन का कहना है कि इस तरह का कोई भी पत्र संविधान के खिलाफ है और इस पर कार्रवाई जरूरी है।

नूंह में हिंदू संगठनों की तरफ से ब्रजमंडल यात्रा निकाली जा रही थी। तय प्लान के अनुसार, मेवात में शिव मंदिर के सामने से बृजमंडल यात्रा शुरू की गई। यात्रा पर पथराव हो गया। बृजमंडल यात्रा में बजरंग दल के कई कार्यकर्ता पहुंचे थे। मोनू मानेसर के एक वीडियो के बाद हिंसा भड़क गई थी। असल में हिंसा से दो दिन पहले मोनू मानेसर ने कहा था कि नूंह से जो वीएचपी की यात्रा निकलने वाली है, उसमें वे भी शामिल होंगे। उस एक वीडियो के बाद दूसरे समुदाय के लोगों की तरफ से भी भड़काऊ पोस्ट शेयर किए गए। मोनू मानेसर ने यह भी कहा था कि वह खुद भी इस यात्रा में शामिल होगा। लेकिन, मोनू मानेसर यात्रा में शामिल नहीं हुआ। यात्रा में बिट्टू बजरंगी नाम के कथित गोरक्षक के शामिल होने पर तनाव बढ़ा था। नूंह में दूसरे पक्ष के लोगों ने हंगामा कर दिया था। हिंसा में 6 लोगों की मौत हो गई थी।

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