राष्ट्रपति के संबोधन का बहिष्कार करना उनका अपमान नहीं, हम किसानों के साथ खड़े हैं, वापस हो कृषि कानून: कांग्रेस
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राष्ट्रपति के संबोधन का बहिष्कार करने का मतलब उनका अपमान करना नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि हम किसानों के साथ खड़े हैं और मांग कर रहे हैं कि कृषि कानूनों को वापस लिया जाए।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों को संबोधित करते हुए अपने बजट अभिभाषण से बजट सत्र की शुरुआत कर दी है। हालांकि इस दौरान कांग्रेस समेत 16 राजनीतिक दलों ने राष्ट्रपति के इस भाषण का बहिष्कार किया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजद ने इसकी जानकारी एक दिन पहले यानी गुरुवार को दी थी।
वहीं आज कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राष्ट्रपति के संबोधन का बहिष्कार करने का मतलब उनका अपमान करना नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि हम किसानों के साथ खड़े हैं और मांग कर रहे हैं कि कृषि कानूनों को वापस लिया जाए। अधीर रंजन चौधरी ने दोहराया कि इस भाषण का बहिष्कार करने के पीछे बस यही एक मुख्य कारण था।
आपको बता दें, गुरूवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजद ने कहा, “कांग्रेस समेत 16 राजनीतिक दलों की ओर से हम सूचित कर रहे हैं कि 29 जनवरी को संसद में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के बहिष्कार करने का फैसला किया गया है। गुलाम नबी ने कहा कि यह फैसला कृषि कानूनों के विरोध में लिया गया है।”
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