गणतंंत्र दिवस परेड में बीएसएफ की 113 महिला बाइकर्स दिखाएंगी खतरनाक स्‍टंट

इस बार गणतंत्र दिवस परेड में बीएसएफ की 113 महिला बाइकर्स एरोबेटिक्स और अन्य कलाबाजी में अपने कौशल और साहस का परिचय देने वाली हैं।

फोटो: सोशल मीडिया 
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आईएएनएस

गणतंत्र दिवस पर होने वाली परेड में बाइक सवार पुरुष जवानों के हैरतअंगेज करतब देखना शायद अब इतिहास बन जाएगा, क्योंकि उनकी जगह अब महिलाओं ने ले ली है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 113 महिला बाइकर्स इस बार गणतंत्र दिवस परेड में 350 सीसी की 26 रॉयल एनफील्ड मोटरसाइकिलों पर सवार होकर एरोबेटिक्स और अन्य कलाबाजी में अपने कौशल और दुस्साहस का परिचय देने वाली हैं।

जम्मू एवं कश्मीर के लदाख क्षेत्र में बीएसएफ की सब इंस्पेक्टर स्टैन्जीन नॉरयांग की अगुआई में 20 से 31 वर्ष आयु वर्ग की महिला बाइकर्स का झुंड पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में भारतीय सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक दिलेरी का प्रदर्शन करेगा।

स्टैन्जीन नॉरयांग जब बीएसएफ की इन साहसी महिलाओं के दल में शामिल हुई थीं तो वह बाइक चलाना बिल्कुल नहीं जानती थीं। लेकिन आज वह आत्मविश्वास के साथ न सिर्फ बाइक चला सकती हैं, बल्कि एक ही मोटरसाइकिल पर 10 अन्य सवारों के साथ साहसिक करतब भी दिखा सकती हैं।

नॉरयांग ने कहा, “मैंने बाइक चलाने के बारे में कभी नहीं सोचा था, क्योंकि मुझे डर लगता था। लेकिन अब मैं निस्संदेह बुलेट पर करतब दिखा सकती हूं। मुझे अपने सीनियर्स पर गर्व है, जिन्होंने मुझे प्रशिक्षित किया और गणतंत्र दिवस के अवसर पर करतब दिखाने वाले दल की अगुआई करने के लिए चुना।”

बाइकर्स टीम 26 जनवरी के कार्यक्रम से पहले राजपथ पर अभ्यास कर रही हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ इस बार बतौर विशिष्ट अतिथि 10 आसियान देशों के प्रमुख गणतंत्र दिवस परेड का निरीक्षण करेंगे।

‘सीमा भवानी’ नामक इस दल में ज्यादातर महिलाएं ऐसी हैं, जो पहले बाइक चलाना नहीं जानती थी, लेकिन वे अब पारंगत हो चुकी हैं।

परेड के लिए महिलाओं का दल तैयार करने का मौलिक विचार बीएसएफ के महानिदेशक केके शर्मा का था। उपमहानिदेशक पुष्पेंद्र राठौर ने बताया कि शर्मा पुरुषों की जगह महिलाओं को परेड में उतारना चाहते थे। राठौर इस दल के प्रभारी हैं और वह दिसंबर से दिल्ली में हैं।

डिप्टी कमांडेंट रमेश चंद्रा मुख्य कोच हैं और उपनिरीक्षक केएम कल्याण ग्वालियर के टेकनपुर स्थित केंद्रीय मोटर परिवहन विद्यालय में बीएसएफ की स्पेशल टीम द्वारा प्रशिक्षित दल के कोच हैं।

रमेश चंद्रा ने बताया कि इस टीम में एक अनोखी बात यह है कि इसमें देश के लगभग सभी प्रदेशों के सदस्य शामिल हैं। सबसे ज्यादा 20 सदस्य पंजाब से हैं, उसके बाद पश्चिम बंगाल से 15 सदस्य हैं। वहीं, मध्यप्रदेश से 10, महाराष्ट्र से 9, उत्तर प्रदेश से 8, असम और बिहार से क्रमश: 7-7, ओडिशा से 6 और राजस्थान, मणिपुर और गुजराज से क्रमश: 5-5, जम्मू एवं कश्मीर और छत्तीसगढ़ से 3-3, कर्नाटक, उत्तराखंड, दिल्ली और केरल से 2-2 और मेघालय और हिमाचल प्रदेश से 1-1 सदस्य इस टीम में शामिल हैं।

चंद्रा ने बताया कि बाइक वाहन दल में शामिल प्रतिभागियों का चयन भारत की विविधता में एकता को ध्यान में रखकर किया गया है। दल में शामिल 15 महिलाएं विवाहित हैं, जबकि 113 अविवाहित।

कल्याण ने बताया कि दल में शामिल महिलाओं को कठिन प्रशिक्षण के दौर से गुजरना पड़ा है, जिसमें उन्हें सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक और फिर दोपहर 3.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक प्रशिक्षण दिया जाता था।

यह परंपरा रही है कि बीएसएफ और सेना के बाइक सवार जांबाज हर साल बारी-बारी से गणतंत्र दिवस परेड का समापन करते हैं। इस साल बीएसएफ की बारी है, जिसमें महिलाओं का दल पिरामिड, फिश राइडिंग, शक्तिमान, बुल फाइटिंग, सीमा प्रहरी और अन्य हैरतअंगेज करतब दिखाने की तैयारी में है।

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