लोकसभा चुनाव को लेकर BSP प्रमुख मायावती ने बुलाई अहम बैठक, संगठन में बड़े बदलाव का कर सकती हैं ऐलान

बीएसपी प्रमुख मायावती पिछले कई दिनों से मंडलवार पार्टी संगठन विस्तार के बारे में संबंधित पदाधिकारियों से फीडबैक ले रही हैं। पिछले दिनों दिल्ली में चार राज्यों की जिम्मेदारी आकाश आनंद को देने के बाद उन्होंने अब उत्तर प्रदेश की कमान अपने हाथ में ले ली है।

लोकसभा चुनाव को लेकर BSP प्रमुख मायावती ने बुलाई अहम बैठक
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नवजीवन डेस्क

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती ने भी लोकसभा चुनाव और कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर तैयारी तेज कर दी है। इसी सिलसिले में मायावती ने 23 अगस्त को पार्टी के सभी पदाधिकारियों की लखनऊ में एक बड़ी और अहम बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि बैठक में मायावती चुनाव की तैयारियों पर चर्चा करेंगी और पार्टी की रणनीति पर फैसला लेंगी। साथ ही कहा जा रहा है कि संगठन में बड़े पैमाने पर फेरबदल का भी फैसला हो सकता है।

लखनऊ में कल होने वाली बीएसपी की बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा, बीएसपी प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल, विधायक उमाशंकर सिंह, विधान परिषद के सदस्य भीमराव अंबेडकर समेत बीएसपी के सभी पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, जिला अध्यक्ष और बामसेफ के पदाधिकारी शामिल होंगे। कल की बैठक में मायावती संगठन की समीक्षा भी करेंगी, जिसमें संगठन का विस्तार, बूथ कमेटी के गठन की तैयारियों पर चर्चा होगी।


मिली जानकारी के अनुसार, बीएसपी प्रमुख मायावती पिछले कई दिनों से मंडलवार पार्टी के संगठन विस्तार के बारे में संबंधित पदाधिकारियों से फीडबैक ले रही हैं। पिछले दिनों दिल्ली में चार राज्यों की जिम्मेदारी आकाश आनंद को देने के बाद मायावती ने अब उत्तर प्रदेश की कमान खुद अपने हाथ में ले ली है। पिछले दिनों दिल्ली में बैठक में मायावती ने पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों की समीक्षा कर पदाधिकारियों को कई निर्देश दिया था। मायावती करीब डेढ़ महीने तक दिल्ली में पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक के बाद 13 अगस्त को लखनऊ पहुंची हैं।

बता दें कि मायावती आगामी 2024 का लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान कर चुकी हैं। फिलहाल बीएसपी न तो एनडीए गठबंधन का हिस्सा है और ना ही आईएनडीआईए गठबंधन में है। हालांकि, दोनों गठबंधनों की भरपूर कोशिश मायावती को किसी तरह अपने साथ लाने की है, क्योंकि प्रदेश में तकरीबन 20 फीसदी दलित वोटर हैं, जो एक समय मायावती का बड़ा वोट बैंक था। हालांकि, पिछले कुछ चुनावों में बीजेपी ने मायावती के इस वोटबैंक में बड़ी सेंधमारी कर ली है।

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