बजट 2019: मित्रों, एक रुपया भी बढ़ी कमाई तो काफूर हो जाएगी खुशी, इनकम टैक्स छूट का ऐलान भी है जुमला

मित्रों, अगर जश्न मनाने से फुरसत मिल गई होतो जरा इस कैलकुलेशन को ध्यान से देख लो, क्योंकि न तो टैक्स में कोई राहत मिली हैऔर न ही किसानों को कोई बड़ा तोहफा। जो भी कहा गया है वह अगले साल होगा, और जो होगा उससे कोई टैक्स नहीं बचेगा।

फोटो : सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

मोदी सरकार ने अपने अंतरिम बजट में जबरदस्त जुमलेबाज़ी का इस्तेमाल करते हुए ऐलान कर दिया कि अब पांच लाख रुपए तक कोई इनकम टैक्स नहीं लगेगा। इसके साथ ही अंतरिम वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने ऐलान किया कि अगर आप सारी बचत आदि करते हैं तो टैक्स छूट वाली रकम सालाना साढ़े छह लाख रुपए हो जाएगी।

वित्त मंत्री के यह ऐलान करते ही संसद एक नुक्कड़ सभा में तब्दील हुआ था और सत्ता पक्ष मोदी-मोदी के नारे लगाने लगा। लेकिन शोर थमा और जश्न रुका तो हकीकत सामने आई और सारी खुशी काफूर हो गई।

चलिए अब समझाते हैं कि ट्रिक और ट्विस्ट है क्या।

दरअसल अभी तक यानी पिछले बजट तक जब भी टैक्स छूट देने का सरकारें ऐलान करती थीं, तो नए स्लैब यानी अलग-अलग रकम पर अलग-अलग टैक्स दर का ऐलान होता था। मसलन जुलाई 2014 में जब अरुण जेटली ने बजट पेश किया तो उन्होंने टैक्स फ्री इनकम को 2 लाख सालाना से बढ़ाकर 2.5 लाख सालाना कर दिया था। इसके साथ ही इनकम टैक्स की दरें भी बताई थीं, जिसके मुताबिक 2.5 लाख सालाना तक कोई टैक्स नहीं। 2.5 लाख से 5 लाख तक 5 फीसदी इनकम टैक्स, 5 से 10 लाख की आमदनी पर 20 फीसदी टैक्स और 10 लाख और इससे ऊपर की आमदनी पर 30 फीसदी टैक्स लगाने का ऐलान किया गया।

इस तरह पहले अगर आपकी आमदनी 5 लाख होती थी, तो आपको सिर्फ 2.5 लाख रुपए पर 12,500 रुपए का टैक्स देना पड़ता था। और अगर दस लाख होती थी तो टैक्स देनदारी एक लाख 12 हजार 500 रुपए हो जाती थी।

अब आइए आपको बताते हैं कि आखिर आज क्या हुआ?

वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने यह ऐलान तो कर दिया कि 5 लाख की आमदनी तक कोई टैक्स नहीं लगेगा, लेकिन कोई दर नहीं बदली। यानी अगर आपकी आमदनी 5 लाख रुपए से एक रुपया भी ज्यादा हुई, तो आपको इस घोषणा का कोई फायदा नहीं होगा। एक और अहम बात पर आप लोगों ने गौर नहीं किया। वित्त मंत्री ने कहा कि इससे देश के 3 करोड़ लोगों को 18,500 करोड़ रुपए का फायदा होगा। अब इस रकम को गुणा-भाग करके देख लीजिए। कितने रुपए आए हर किसी के हिस्से में? सिर्फ 6000 से कुछ ज्यादा। तो फिर जश्न काहे का। साल में 6000 रुपए बचने का मतलब है आपको सिर्फ 500 रुपए महीने की राहत मिल सकती है, वह भी अगले वित्त वर्ष में। और हां, याद रखिएगा कि इससे कहीं ज्यादा सरकार कच्चे तेल में मंदी के बावजूद महंगा पेट्रोल-डीज़ल बेचकर आपसे वसूल चुकी है।

इसलिए 17 रुपए की अतिरिक्त आमदनी से आप क्या-क्या कर सकते हैं, जरा इस पर गौर करिए। कसम से आपकी मुस्कुराहट काफूर न हो जाए तो कहिएगा।

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