CAA Protest: बीएचयू दीक्षांत समारोह में छात्र ने डिग्री लेने से किया मना, साथियों की गिरफ्तारी का जताया विरोध

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों की गिरफ्तारी के विरोध में मंगलवार को एक छात्र ने दीक्षांत समारोह में अपनी डिग्री लेने से इनकार कर दिया। वाराणसी में हुए प्रदर्शन में पुलिस ने कई छात्रों सहित 69 लोगों को जेल भेजा है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

देश भर में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जारी विरोध-प्रदर्शन में शामिल रहे बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में तमाम सरकारी और प्रशासनिक हथकंडों के बावजूद अभी भी विरोध जारी है। बीएचयू में जारी 101वें दीक्षांत समारोह के दूसरे दिन मंगलवार को एमए हिस्ट्री ऑफ आर्ट्स के छात्र रजत सिंह ने नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे विश्वविद्यालय के छात्रों की गिरफ्तारी के विरोध में अपनी डिग्री लेने से इनकार कर दिया। रजत सिंह ने कहा कि 19 दिसंबर को बनारस में हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शन में किसी भी प्रकार की कोई हिंसा नहीं हुई थी। उसके बावजूद पुलिस ने आवाज दबाने के लिए छात्रों सहित कई लोगों को फर्जी मुकदमे दर्ज कर जेल भेज दिया है।

रजत ने कहा कि 19 दिसंबर को प्रदर्शन कर रहे छात्रों की गिरफ्ताी के विरोध में उन्होंने अपनी डिग्री नहीं स्वीकार करने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि कई ऐसे छात्र आज जेल में हैं, और विश्वविद्यालय को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, इसलिए वह इसके विरोध में अपनी डिग्री लेने से इनकार करते हैं। रजत ने कहा कि वह नागरिकता संशोधन कानून जो कि एक सांप्रदायिक कानून है, देश को बांटने वाला कानून है, उसका विरोध करते हैं। कई अन्य छात्रों ने भी मंगलवार को बजाप्ता दीक्षांत समारोह की विशेष ड्रेस पहनकर नागरिकता कानून का विरोध किया। इन छात्रों की मांग है कि गुरुवार को बनारस में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए विश्वविद्यालय के 18 छात्रों को प्रशासन फौरन रिहा करे।

बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बनारस में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे करीब 73 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया था। बाद में चार लोगों को जमानत पर छोड़ दिया गया और शेष 69 को गंभीर धाराओं में जेल भेज दिया गया। इन जेल भेजे गए लोगों में 18 छात्र बीएचयू के हैं, जिनकी रिहाई की मांग अब तेज होती जा रही है। इसके लिए छात्रों ने बीएचयू से लेकर सोशल मीडिया पर कैंपेन की शुरुआत कर दी है।

छात्रों का साफ आरोप है कि बनारस में हुए प्रदर्शन में कहीं किसी भी प्रकार की कोई हिंसा नही हुई थी। इसके बावजूद पुलिस ने बीएचयू के छात्रों सहित कई लोगों पर फर्जी मुकदमे कर दिए। इनमें शहर के कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं का भी नाम शामिल है। जेल में बंद बीएचयू के छात्रों में कई ऐसे भी हैं, जिन्हें सोमवार को विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भाग लेना था। बता दें कि 19 दिसंबर को हुए प्रदर्शन में बीएचयू, आईआईटी बीएचयू, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय सहित कई कालेजों के सैकडों छात्रों ने भाग लिया था।


हालांकि इस विरोध के बीच बीएचयू के दीक्षांत समारोह के दौरान मंगलवार को कला संकाय के प्रेक्षागृह में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी का समर्थन भी देखने को मिला। छात्र नेता अरुण कुमार चौबे के नेतृत्व में कई छात्रों ने "वी सपोर्ट सीएए एंड एनआरसी" का स्टीकर लगाकर मंच से डिग्री ली। इस दौरान विश्वविद्यालय के कुछ शिक्षक भी इन छात्रों के समर्थन में नजर आए। फिलहाल विश्वविद्यालय परिसर में नागरिकता कानून के विरोध और समर्थन को लेकर तनाव का भी माहौल है।

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