CAA: शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए SC ने नियुक्त किया वार्ताकार, जानें किसने क्या दी दलीलें

सीएए के खिलाफ शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन को हटाने के लिए दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लोगों को प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन सवाल आंदोलन की जगह का है। कोर्ट ने वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े, वकील साधना रामचंद्रन को वार्ताकार नियुक्त किया।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन के कारण जाम से रास्ते को खुलवाने के लिए दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शकारियों से बातचीत करने के लिए कहा है। सुनवाई के दौरान वार्ताकार के तौर पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन का नाम सामने आया। इसके साथ ही वजहत हबीबुल्लाह, चंद्रशेखर आजाद इस दौरान वार्ताकारों की मदद करेंगे।

वहीं, शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से वार्ता करने के मुद्दे पर वकील संजय संजय हेगड़े ने कहा कि मैं साधना रामचंद्रन से बात करने के बाद इस पर कोई टिप्पणी करूंगा। इस मामले की सुनवाई जस्टिस संजय कौशल, जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच कर रही है। अब अगली सुनवाई सोमवार को होगी।

इससे पहले सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, “धरने पर हम कुछ नहीं कह रहे हैं। लेकिन हमारी चिंता सीमित है, अगर हर कोई सड़क पर उतरने लगेगा तो क्या होगा?” कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि हम ये नहीं कर रहे हैं कि प्रदर्शन नहीं किया जा सकता। सवाल ये है कि प्रदर्शन कहां होना चाहिए। हर कोई सड़क पर उतर जाएगा तो क्या होगा?

कोर्ट ने आगे कहा, “लोकतंत्र लोगों की अभिव्यक्ति से ही चलता है, लेकिन इसकी एक सीमा है। अगर सभी सड़क बंद करने लगे तो परेशानी खड़ी हो जाएगी। आपको विरोध का अधिकार है, लेकिन सड़क जाम करने का नहीं।”


सुनवाई के दौरान शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा कि स्कूल बसों और एंबुलेंसों के लिए रास्ता खुला है। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि रास्ता पूरी तरह से जाम है।

सॉलिसिटर जनरल ने सुनवाई के दौरान अपनी बात रखते हुए कहा, “हमें प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए जिम्मेदार प्रतिनिधि की जरूरत है। समस्या यह है कि प्रदर्शनकारी महिलाओं और बच्चों को आगे रखते हैं। हमने पहले भी कई बार बैठक करने की कोशिश की। लेकिन, ये लोग प्रदर्शन के बहाने एक पूरे शहर को बंदी नहीं बना सकते।”

गौरतलब है कि शाहीन बाग में सड़क से प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया है कि सड़क को बंद करने से रोजाना लाखों लोगों को परेशानी हो रही है। याचिका में यह मांग भी की गई है कि कोर्ट सरकार को प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे लोगों की निगरानी करने का आदेश दें।

बता दें कि दिल्ली के शाहीन बाग में करीब 2 महीने से सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है। इस विरोध प्रदर्शन में भारी संख्या में महिलाएं शामिल हो रही हैं।

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