अब बच्चियों के साथ रेप करने वालों की मौत की सजा, केंद्रीय कैबिनेट ने पोस्को एक्ट में संशोधन को दी मंजूरी

बच्चियों के साथ यौन शोषण की घिनौनी हरकतों को अंजाम देने वाले लोग अब फांसी के फंदे से नहीं बच सकेंगे। दरअसल, केंद्र सरकार ने शुक्रवार को पॉक्सो एक्ट में संशोधन को हरी झंडी दे दी है।

फोटो: सोशल मीडिया 
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नवजीवन डेस्क

अब मासूम बच्चियों के साथ रेप करने वालों की खैर नहीं है। मासूमों के साथ होने वाले यौन अपराधों को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने पोक्सो एक्ट के प्रावधानों में संशोधन किया है। शुक्रवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में कानून को सख्त करते हुए मौत की सजा दिए जाने को मंजूरी दे दी गई है।

फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा केंद्रीय कैबिनेट ने पोक्सो एक्ट के तहत मौत की सजा को हरी झंडी दे दी। इस फैसले के तहत 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ रेप और हत्या की गंभीर घटनाओं को अंजाम देने वाले दोषी को मौत की सजा मिलेगी।

आपराधिक कानून (संशोधन) अध्यादेश 2018 के अनुसार ऐसे मामलों से निपटने के लिये नयी त्वरित अदालतें गठित की जाएंगी और सभी पुलिस थानों और अस्पतालों को रेप मामलों की जांच के लिए विशेष फॉरेंसिक किट उपलब्ध करायी जाएगी।

बता दें कि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने के लिए पोक्सो एक्ट बनाया गया है। महिला और बाल विकास मंत्रालय ने बच्चों के प्रति यौन उत्पीड़न, यौन शोषण और पोर्नोग्राफी जैसे अपराधों को रोकने के लिए पोक्सो एक्ट-2012 बनाया था। इस कानून के तहत अलग-अलग अपराध के लिए कई सजा के प्रवाधन है। आरोप साबित होने के बाद दोषियों को 5 से 7 साल तक की सजा और जुर्माना हो सकती थी। लेकिन अब संशोधनों के बाद दोषियों को मौत की सजा मिल सकेगी।

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