मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए प्रचार समाप्त, अखिलेश बोले- यह चुनाव जनता और सरकार के बीच है
अखिलेश ने महाकुंभ भगदड़ को लेकर भी निशाना साधा। उन्होंने सरकार पर भगदड़ में हताहतों की संख्या कम बताने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे दावा करते हैं कि करोड़ों लोगों ने महाकुंभ में डुबकी लगाई है, लेकिन वे जान गंवाने वालों की असल संख्या बताने में असमर्थ हैं।

उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए प्रचार सोमवार शाम पांच बजे थम गया। मिल्कीपुर में उपचुनाव के लिए पांच फरवरी को मतदान होगा, जबकि नतीजे आठ फरवरी को आएंगे। मिल्कीपुर सीट समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अवधेश प्रसाद के 2024 के लोकसभा चुनाव में फैजाबाद (अयोध्या) से सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई थी।
प्रचार के आखिरी दिन सपा प्रत्याशी अजीत प्रसाद के समर्थन में जनसभा को संबोधित करते हुए समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने मिल्कीपुर उपचुनाव को “जनता और शासन के बीच सीधा मुकाबला” बताते हुए कहा कि यह सिर्फ चुनाव नहीं, बल्कि चुनौती है। सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने हार के डर से जानबूझकर मिल्कीपुर उपचुनाव टाला था, क्योंकि इस निर्वाचन क्षेत्र ने हमेशा समाजवादियों का समर्थन किया है।
अयोध्या में आयोजित जनसभा में अखिलेश यादव ने कहा कि मिल्कीपुर उत्तर प्रदेश की राजनीति के भविष्य के लिए एक मजबूत संदेश देगा। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ चुनाव नहीं, बल्कि एक चुनौती है। बीजेपी जानती थी कि मिल्कीपुर के लोग समाजवादियों का साथ कभी नहीं छोड़ सकते, इसलिए उन्होंने सुनिश्चित किया कि चुनाव टल जाए। लेकिन जो लोग चुनाव से भागेंगे, जनता उन्हें मिल्कीपुर से बाहर निकालने का काम करेगी।”
अखिलेश यादव ने कहा, “मिल्कीपुर में समाजवादियों का कुंभ हो रहा है। यह कुंभ एक बार फिर सांप्रदायिक राजनीति को हमेशा के लिए खारिज करने का काम करेगा।” सपा प्रमुख ने कहा, “मिल्कीपुर का चुनाव, सिर्फ चुनाव नहीं, बल्कि चुनौती भी है। यहां ‘जनता बनाम शासन’ मुकाबला होने जा रहा है।” उन्होंने बीजेपी सरकार पर बुनियादी मुद्दों पर विफल रहने और विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाया।
अखिलेश ने प्रयागराज महाकुंभ के आयोजन को लेकर भी प्रशासन पर निशाना साधा। उन्होंने सरकार पर कुप्रबंधन और मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के दौरान मची भगदड़ में हताहतों की संख्या कम बताने का आरोप लगाया। सपा प्रमुख ने कहा, “वे दावा करते हैं कि करोड़ों लोगों ने महाकुंभ में डुबकी लगाई है, लेकिन वे भगदड़ में जान गंवाने वालों की वास्तविक संख्या बताने में असमर्थ हैं। जो एंबुलेंस व्यवस्था समाजवादियों ने शुरू की थी, वही महाकुंभ में काम आई।”
अखिलेश ने सवाल किया, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि वह व्यवस्थाओं की निगरानी के लिए तड़के तीन बजे उठते हैं, लेकिन जब त्रासदी हुई, तब वह कहां थे?” उन्होंने योगी पर निशाना साधते हुए कहा, “लोग वस्त्र से नहीं, विचार से योगी होते हैं। कुछ लोग समझते हैं कि वस्त्र पहनने से योगी हो जाते हैं। जो सच्चाई छिपाए, वह कभी योगी नहीं हो सकता। सनातन पंरपरा के तहत कुंभ में साधु-संत, धर्माचार्य और शंकराचार्य का स्नान मुहूर्त के अनुसार होता है। मुख्यमंत्री ने सभी को गुमराह करके सनातन परंपरा को तोड़ने का काम किया। उन्होंने घटना को छिपाने का काम किया। साधु-संतों से झूठ बोला।”
अयोध्या में पिछले दिनों 22 वर्षीय दलित युवती की नृशंस हत्या का जिक्र करते हुए अखिलेश ने कहा, “जो घटना अयोध्या में हुई है, उसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता है। मुख्यमंत्री खिसियाए हुए हैं, इसीलिए उन्होंने मिल्कीपुर आकर सपा सांसद अवधेश प्रसाद को अपमानित किया। सपा उपचुनाव के बाद पीड़ित परिवार के लिए न्याय की लड़ाई लड़ेगी।” अवधेश प्रसाद दलित युवती की हत्या को लेकर रविवार को पत्रकारों के सामने रो पड़े थे। उन्होंने योगी सरकार पर गंभीर आरोप भी लगाए थे। इसके बाद मिल्कीपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए योगी ने इसे प्रसाद की नौटंकी करार दिया था।
फैजाबाद लोकसभा सीट पर सपा के अवधेश प्रसाद की चुनावी सफलता का जिक्र करते हुए अखिलेश ने कहा कि अयोध्या के लोगों ने सांप्रदायिक राजनीति को पहले ही खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा, “बीजेपी ने सांप्रदायिक माहौल बनाने की कोशिश की, लेकिन अयोध्या के मतदाता समाजवादियों के साथ खड़े रहे। अब मिल्कीपुर उत्तर प्रदेश की राजनीति के भविष्य के लिए एक और मजबूत संदेश देगा।”
पिछले साल लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के मिल्कीपुर समेत नौ विधानसभा क्षेत्रों के विधायकों के सांसद चुने जाने और कानपुर के एक विधायक को अदालत से सजा सुनाए जाने के बाद 10 सीट पर उपचुनाव होना था। हालांकि, मिल्कीपुर सीट से जुड़ा मामला अदालत में लंबित होने की वजह से निर्वाचन आयोग ने सिर्फ नौ सीट पर उपचुनाव कार्यक्रम घोषित किया।अब मिल्कीपुर में पांच फरवरी को मतदान होना है, जबकि नतीजे आठ फरवरी को आएंगे।
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