CISF के 69 भावी सहायक कमांडेंट का करियर अधर में, तीसरे साल भी ज्वाइनिंग के लिए काट रहे चक्कर, गृह मंत्रालय चुप

हाईकोर्ट के फैसले के बाद सीआईएसएफ में सहायक कमांडेंट के लिए चयनित उम्मीदवार ज्वाइनिंग की राह तक रहे हैं। उनका कहना है कि बल मुख्यालय से कहा जाता है कि फाइल गृह मंत्रालय में है। वहां से कोई जवाब नहीं मिलता। आरटीआई पर भी जानकारी देने से मना कर दिया गया।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

संघ लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित केंद्रीय सशस्त्र बल सीआईएसएफ के 69 भावी सहायक कमांडेंट (एसी) चयन की सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी पिछले 3 साल से ज्वाइनिंग के लिए चक्कर काट रहे हैं, जिससे बल के इन भावी अधिकारियों का करियर शुरू होने से पहले ही अधर में लटक गया है। वहीं इस पूरे मामले पर केंद्रीय गृह मंत्रालय चुप्पी साधे हुए हैं और इन भावी अधिकारियों को कोई सही जवाब भी नहीं दे रहा है।

क्या है मामला

दरअसल सीएपीएफ ने असिस्टेंस कमांडेंट की भर्ती की अधिसूचना 18 अगस्त 2020 को जारी की थी और दिसंबर में लिखित परीक्षा आयोजित हुई। अगले साल 8 फरवरी 2021 को रिजल्ट आया। भर्ती के लिए आईटीबीपी नोडल एजेंसी थी। रिजल्ट के बाद 27 अप्रैल 2022 को अभ्यर्थियों को पता चला कि वे सीआईएसएफ में सहायक कमांडेंट बनेंगे। अब इन अभ्यर्थियों को ज्वाइनिंग लेटर मिलना था, लेकिन 26 अप्रैल 2022 को दिल्ली हाईकोर्ट में एक केस हो गया और तब से इन 69 भावी अधिकारियों का करियर अधर में लटक गया है।

यह केस पदोन्नति को लेकर सीआईएसएफ के कनीय अधिकारी दिवाकर पांडे और अन्य ने किया है। बल में पदोन्नति के आधार पर एसआई से सीधे असिस्टेंस कमांडेंट बनाने की मांग को लेकर यह केस दायर किया गया था। इसके लिए जो परीक्षा होती है, उसे भी यूपीएससी लेती है। इस केस मेंदि ल्ली हाईकोर्ट ने 7 अक्तूबर 2022 को भर्ती प्रक्रिया पर ही स्टे लगा दिया, जिसकी जद में सीधी भर्ती के जरिए एसी और एसी/जेएओ से डीसी/ईएक्सई बनने वाले और एलडीसीई रिक्रूटेड भी आ गए। हालांकि जब यह केस हुआ था, तब सीधी भर्ती से एसी बनने वालों की भर्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी।

इस बीच सीआईएसएफ ने अपनी वेबसाइट पर यह सूचना डाल दी कि दिवाकर पांडे केस के कारण 'एसी' की भर्ती प्रक्रिया लंबित है। इस मामले में 21 दिसंबर 2022 को फाइनल सुनवाई होनी थी, लेकिन सीआईएसएफ की ओर से कोई जवाब पेश नहीं किया गया। उम्मीदवारों के अनुसार इसे लेकर कोर्ट ने बल पर फाइन भी लगाया। फिर इस साल 3 फरवरी को दोबारा से केस की सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने आदेश में कहा कि सभी सीएपीएफ में भर्ती पर लगी रोक हटा दी गई है। लेकिन कोर्ट के आदेश की व्याख्या को लेकर पेंच फंस गया। इसके चलते 21 फरवरी 2023 दोबारा सुनवाई हुई, जिसमें हाईकोर्ट ने साफ कहा कि 3 फरवरी वाला आदेश माना जाएगा। भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की जाए।


आरटीआई का भी नहीं मिल रहा जवाब

हाईकोर्ट के फैसले के बाद सीआईएसएफ में सहायक कमांडेंट के लिए चयनित उम्मीदवार ज्वाइनिंग के लिए दिल्ली चक्कर काट रहे हैं। उनका कहना है कि बल मुख्यालय से कहा जाता है कि फाइल गृह मंत्रालय में है। वहां के अफसरों को ईमेल करने पर कोई जवाब नहीं मिलता। सीआईएसएफ में भी संबंधित विभाग को लिखा गया है। आरटीआई भी लगाई गई, लेकिन उसमें भी कोई जानकारी देने से मना कर दिया गया। इन अभ्यर्थियों को कहीं से यह पता नहीं चल रहा है कि 69 उम्मीदवारों को कब नियुक्ति पत्र मिलेगा और कब उनकी ट्रेनिंग शुरू होगी।

वहीं, इसी भर्ती में जिन उम्मीदवारों को बीएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी अलॉट हुई था, उन्हें ऑफर ऑफ अपॉइंटमेंट भी जारी हो गया और पिछले साल उनकी ट्रेनिंग भी शुरू करा दी गई है। इसके अलावा एलडीसीई 2021 बैच, जि,की अधिसूचना बाद में आई थी और रिजल्ट 31 जनवरी को घोषित किया गया था, उनकी ज्वाइनिंग के बाद ट्रेनिंग भी पूरी हो गई है। वे पिछले साल सितंबर में अपनी यूनिट में भी पहुंच गए। अब वे सीधी भर्ती वाले असिस्टेंट कमांडेंट से सीनियर हो गए हैं।

निराश उम्मीदवार अब दूसरी नौकरी की तलाश में

इधर जिन 69 उम्मीदवारों को चयन यूपीएससी के द्वारा सीआईएसएफ के लिए हुआ है, उन्हें तीसरे साल भी ज्वाइनिंग नहीं मिल सकी है। इनके साथ यूपीएससी की परीक्षा पास करने वाले युवाओं को दूसरे बलों में न केवल नियुक्ति पत्र मिल गया, बल्कि उनकी ट्रेनिंग भी खत्म होने वाली है। ऐसी स्थिति में दूसरे बलों के सहायक कमांडेंट, सीआईएसएफ के इन 69 सहायक कमांडेंट से करियर में हमेशा आगे ही रहेंगे। आर्थिक के साथ उन्हें जल्द प्रमोशन का लाभ भी मिलेगा। इधर सीआईएसएफ और केंद्रीय गृह मंत्रालय के चक्कर काट रहे इन उम्मीदवारों को कहीं से भी कोई सटीक जवाब नहीं मिल रहा।

सीआईएसएफ में नियुक्ति पत्र मिलने का इंतजार कर रहे कई उम्मीदवार तो अब दूसरी नौकरी तलाशने लगे हैं। ज्यादातर उम्मीदवार 25 साल की उम्र पार कर गए हैं। उम्मीदवारों का कहना है कि अगस्त 2020 में जब भर्ती निकली थी, तब जो 24 साल के थे, अब वे 27 के पार जाने वाले हैं। उम्मीदवारों का कहना हैं, जब भी पूछा जाता है तो फाइल गृह मंत्रालय में होने की बात कह दी जाती है। ज्वाइनिंग में देरी से उनका सर्विस पीरियड कम हो रहा है। कुछ उम्मीदवारों ने अपना खर्च निकालने के लिए ट्यूशन पढ़ाना शुरू कर दिया है। कई उम्मीदवार पुलिस और अन्य जगह जॉब तलाशने लगे हैं।

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