सोने की खान वाले संत के अंतिम संस्कार में उड़ी लॉकडाउन की धज्जियां, यूपी में 4100 के खिलाफ केस दर्ज

स्वयंभू संत शोभन सरकार, यानी सूर्यभान तिवारी ने 2013 में दावा किया था कि उन्नाव के डौंडिया खेरा में एक महल के नीचे 1,000 टन सोने का भंडार दफन है। लेकिन कई दिनों की खुदाई के बाद भी वहां कुछ नहीं मिला, जिससे शोभन सरकार की आध्यात्मिक छवि को गहरा धक्का लगा।

फोटोः सोशल मीडिया
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आईएएनएस

उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक संत के अंतिम संस्कार में हजारों की संख्या में जुटकर लॉकडाउन का उल्लंघन करने के आरोप में लगभग 4,100 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। ये सभी सोने का खजाना ढूंढने का दावा करने वाले संत शोभन सरकार के भक्त हैं, जिनका बुधवार को निधन हो गया था।

शोभन सरकार के पार्थिव शरीर को गुरुवार को दर्शन के लिए रखा गया था और फिर चौबेपुर क्षेत्र के सनहौरा आश्रम में हजारों लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। यहां पर लॉकडाउन के बावजूद काफी बड़ी संख्या में लोग जुटे, जिन्हें प्रशासन की तरफ से नहीं रोका गया। बताया जा रहा है कि कई नेताओं ने भी शोभन सरकार के अंतिम संस्कार में भाग लिया। इस पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

चौबेपुर थाने के एसएचओ विनय तिवारी ने कहा, "हमने भीड़ को रोकने की कोशिश की, लेकिन हम उन्हें आश्रम तक पहुंचने से नहीं रोक सके। हमने सार्वजनिक घोषणा की कि अंतिम संस्कार में केवल 20 लोगों को जाने की अनुमति है। लॉकडाउन उल्लंघन के तीन मामलों में 4,100 लोगों को बुक किया गया है और हम वीडियो फुटेज के माध्यम से सभी की पहचान करेंगे।" पहला मामला सुनौदा घाट में 2,000 लोगों के खिलाफ और दूसरा बांडी माता में 1,200 लोगों के खिलाफ दर्ज किया गया है। इसके आलावा 900 लोगों के खिलाफ तीसरा मामला बेला रोड थाने में दर्ज किया गया है।

शोभन सरकार, यानी सूर्यभान तिवारी, कानपुर के शिवली इलाके के शोभन गांव के एक स्वयंभू भगवान थे। अक्टूबर 2013 में वे तब सुर्खियों में आए, जब उन्होंने दावा किया कि उन्होंने सपना देखा है कि उन्नाव के डौंडिया खेरा में 19वीं सदी के प्रमुख राव रामबख्श सिंह के महल के नीचे 1,000 टन का सोने का भंडार दफन है। उनके दावे के कुछ दिनों बाद, साइट की खुदाई के लिए एक आदेश जारी कर दिया गया था।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीमों ने इस क्षेत्र की खुदाई शुरू की और हजारों लोगों को सोने की खुदाई का गवाह बनाया। हालांकि, खुदाई के कई दिनों बाद तक भी क्षेत्र में सोने का कोई निशान नहीं मिलने पर पूरे ऑपरेशन को बंद कर दिया गया। शोभन सरकार ने इस घटना के बाद अपनी आध्यात्मिक छवि को खो दिया था। हालांकि उनके भक्तों ने उन पर विश्वास करना जारी रखा था।

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