चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, आप-कांग्रेस के संयुक्त उम्मीदवार ने दायर की याचिका

इससे पहले बुधवार को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने चुनाव नतीजे पर रोक लगाने की मांग पर अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार करते हुए चंडीगढ़ प्रशासन और चंडीगढ़ नगर निगम से जवाब मांगा और प्रतिवादियों को तीन सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा
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नवजीवन डेस्क

चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली के आरोपों का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इंडिया गठबंधन के मेयर पद के उम्मीदवार कुलदीप कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुनाव नतीजों पर रोक लगाने की मांग की है। इससे पहले बुधवार को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव के नतीजों पर रोक लगाने की मांग पर अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया था।

बुधवार को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने आप और कांग्रेस पार्टी के संयुक्त उम्मीदवार कुलदीप कुमार द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी करते हुए चंडीगढ़ प्रशासन और चंडीगढ़ नगर निगम से जवाब मांगा और प्रतिवादियों को तीन सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। याचिका में पीठासीन अधिकारी पर मतगणना प्रक्रिया में धोखाधड़ी और जालसाजी का सहारा लेने का आरोप लगाया गया था। हाईकोर्ट ने मेयर पद के लिए एक दिन पहले हुए चुनाव परिणामों पर रोक लगाने के लिए अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया।


इससे पहले इंडिया ब्लॉक के कांग्रेस-आप गठबंधन को मंगलवार को उस समय बड़ा झटका लगा, जब निगम में सत्तारूढ़ बीजेपी ने चुनाव पर विवाद के बीच केवल चार वोटों से जीत हासिल करके लगातार नौवीं बार मेयर पद पर कब्जा कर लिया। सबसे ज्यादा पार्षद होने के बावजूद आप-कांग्रेस गठबंधन हार गया। पीठासीन प्राधिकारी अनिल मसीह ने 36 में से 8 वोटों को अवैध घोषित कर दिया। बीजेपी को 16 वोट मिले, जबकि, आप-कांग्रेस गठबंधन के 20 पार्षद होने के बावजूद 12 वोट आए।

हाईकोर्ट के समक्ष अपनी याचिका में आप-कांग्रेस के संयुक्त उम्मीदवार ने परंपरा और नियमों को पूरी तरह से ताक पर रख देने का आरोप लगाते हुए कहा कि पीठासीन अधिकारी ने पार्टियों के उम्मीदवारों को वोटों की गिनती की निगरानी करने की अनुमति देने से भी इनकार कर दिया। कुलदीप कुमार ने मांग की कि हाईकोर्ट के रिटायर जज की निगरानी में स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से नये चुनाव करवाया जाएं, ताकि इसकी निष्पक्षता बरकरार रहे।

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