कावेरी विवाद: पानी पर बवाल जारी, कर्नाटक के किसान आज सुप्रीम कोर्ट में दायर करेंगे याचिका

किसान संगठनों के नेताओं ने याचिका दायर करने के लिए पांच दिन तक तैयारी की। विधायक दर्शन पुत्तनैया ने भी तमिलनाडु को पानी छोड़ने के कदम की निंदा करते हुए मांड्या में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

कर्नाटक के किसान समूह तमिलनाडु को पानी छोड़ने के कावेरी जल प्रबंधन न्यायाधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) के आदेश के खिलाफ मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में जवाबी याचिका दायर करेंगे।

इस संबंध में काम करने के लिए सर्वोदय कर्नाटक पक्ष के विधायक दर्शन पुत्तनैया नई दिल्ली पहुंच गए हैं। याचिका वरिष्ठ अधिवक्ता रविवर्मा कुमार के माध्यम से दाखिल की जाएगी। सूत्रों ने बताया कि कर्नाटक में कावेरी घाटी को लेकर संकट की स्थिति को अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा।

सूत्रों ने कहा कि जलाशयों में मौजूदा जल स्तर, किसानों की फसलों के लिए पानी की अनुपलब्धता और पीने का पानी उपलब्ध कराने की चुनौती को भी सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में लाया जाएगा।

किसान संगठनों के नेताओं ने याचिका दायर करने के लिए पांच दिन तक तैयारी की। विधायक दर्शन पुत्तनैया ने भी तमिलनाडु को पानी छोड़ने के कदम की निंदा करते हुए मांड्या में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर बुधवार को सुनवाई कर सकता है।

इस बीच, तमिलनाडु को पानी छोड़ने के राज्य सरकार के कदम के खिलाफ मांड्या और मैसूरु जिलों में विरोध प्रदर्शन जारी रहा।

उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने तमिलनाडु को पानी छोड़े जाने का विरोध कर रहे संगठनों से सवाल करते हुए पूछा था कि वे केंद्र सरकार से मेकेदातु परियोजना को लागू करने का आग्रह क्यों नहीं कर रहे हैं?

शिवकुमार ने कहा: "यह एक अच्छा कदम है कि कई संगठन तमिलनाडु को कावेरी जल छोड़े जाने का विरोध कर रहे हैं। मैं उन्हें बधाई देता हूं। ये संगठन तब कहां थे जब कांग्रेस पार्टी ने मेकेदातु परियोजना के तत्काल कार्यान्वयन की मांग को लेकर विरोध मार्च निकाला था?"

शिवकुमार ने सवाल किया, "ये संगठन केंद्र सरकार से मेकेदातु परियोजना शुरू करने का आग्रह क्यों नहीं कर रहे हैं? मेकेदातु बांध ही कावेरी विवाद का एकमात्र समाधान है। राजनीति करने से कोई फायदा नहीं है।"

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